1 अक्टूबर से शुरू हो रही यूपी में धान की सरकारी खरीद, फसल बेचने से पहले करें यह जरूरी काम वरना…..
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसानों की धान समेत मक्का, बाजरा, ज्वार की फसल पककर तैयार होने लगी है। अब किसानों को इसे मंडी तक पहुंचाने की जुगत में लगेंगे। ऐसे में किसानों को यह जानना जरूरी है कि मंडी में उनकी फसल कैसे पहुंचे और इसके लिए जरूरी नियम क्या हैं। जिससे किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके।
चलिए जानते हैं कि फसल बेचने से से पहले कौन.कौन सा जरूरी काम करना है। जिससे किसानों को एमएसपी का लाभ मिले। बता दें कि योगी सरकार के अनुसार, धान की सरकारी खरीद केवल ऑनलाइन माध्यम से होगी। जिसके लिए किसानों को अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। अन्यथा धान बेचने पर मिलने वाला समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी का लाभ किसानों को नहीं मिल पाएगा।
70 लाख टन धान की होगी खरीद
चालू वित्तीय वर्ष में खाद्य विभाग, पीसीएफ, पीसीयू, मंडी परिषद, यूपीएसएम और भारतीय खाद्य निगम की छह क्रय एजेंसियों के चार हजार क्रय केंद्रों के माध्यम से 70 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया गया है।
यूपी में धान पर कितनी एमएसपी मिलेगी
योगी कैबिनेट की बैठक में यह तय गया है कि सामान्य धान की खरीद 2183 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और ग्रेड ए धान पर 2203 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी दिया जाएगा।