चंदौली से सटे यहां का अभिषेक बना पीएमओ का फर्जी प्रतिनिधि, बिल्डर से की 20 लाख की वसूली, अब एसटीएफ ने दबोचा……
कानपुर। प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ का प्रतिनिधि बनकर बिल्डर से 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का मामला प्रकाश में आया है। बिल्डर की शिकायत पर बिठूर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। सोमवार दोपहर एसटीएफ ने आरोपित अभिषेक उर्फ संतोष सिंह को उसके चालक धर्मेंद्र यादव के साथ लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। अभिषेक वाराणसी का रहने वाला है।
पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। ठगी की कई अन्य घटनाओं के सामने आने की संभावना है। स्वरूप नगर निवासी बिल्डर पायनियर ग्रीन सिटी के निदेशक निखिल शर्मा के मुताबिक बिठूर सिंहपुर स्थित उनकी टाउनशिप के विला नंबर.67 को उन्होंने अभिषेक सिंह को किराए पर दिया था। अभिषेक ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रतिनिधि बताते हुए आइकार्ड भी दिखाया था। उसके साथ पुलिसकर्मी रहने और विला के बाहर होमगार्ड की तैनाती से वह अभिषेक के प्रभाव में आ गए।
आरोप है कि कुछ दिन बाद अभिषेक फोन पर धमकाते हुए रंगदारी मांगने लगा। डर कर वह नवंबर 2022 से अब तक करीब 20 लाख रुपये दे चुके हैं। महंगा एंड्रायड फोन और लैपटाप भी दिया। 12 अगस्त को उसने दोबारा दो लाख रुपये की मांग की। उन्होंने इनकार किया तो अभिषेक ने उनका व्यापार बंद कराने और फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी। एसीपी कल्याणपुर विकास पांडेय ने बताया कि आरोपित के खिलाफ रंगदारी, अमानत में खयानत और धमकाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसटीएफ ने आरोपित अभिषेक को उसके चालक के साथ लखनऊ के गोमतीनगर स्थित पुलिस आवास निगम के पास से गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों के नाम पर करता था ठगी
अभिषेक केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों के नाम पर धोखाधड़ी और रंगदारी वसूलता था। उसके साथ गाजीपुर निवासी ममेरा भाई प्रदीप सिंह, चालक धमेंद्र और प्रेमिका रहते हैं। फर्जीवाड़ा करके उसने पुलिस सुरक्षा भी हासिल कर ली। उसकी प्रेमिका शहर के एक निजी मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। पढ़ाई का खर्च वह ठगी और रंगदारी की कमाई से उठाता था। वह उसके साथ घर में रहती है।
बिल्डर के खिलाफ भी फर्जीवाड़े का दो दिन पहले दर्ज हुआ था मुकदमा
पायनियर ग्रीन सिटी के ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की शिकायत पर जिलाधिकारी विशाख जी ने जांच कराई तो फर्जी दस्तावेजों से लेआउट पास कराने का सच सामने आ गया। मेसर्स पायनियर कंट्राविल्ड के निदेशक अखिल शर्मा व निखिल शर्मा, अमित अग्रवाल, आशीष सिंह और आर्किटेक्ट वैभव चौहान के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों से धोखाधड़ी करने की धाराओं में स्वरूप नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।