Sunday, April 28, 2024
नई दिल्ली

गूगल से निकाला नंबर, ट्रूकॉलर पर बदला नाम….120 विधायक, सांसदों को कॉल कर ठगी को दिया अंजाम……

नई दिल्ली। उत्तरी जिला साइबर थाना पुलिस ने सांसद.विधायक के रिश्तेदारों.जानकारों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य बाजपेयी को उत्तर प्रदेश के उन्नाव के एक होटल से गिरफ्तार किया है। मामले में अभी आरोपित को भाई प्रदीप फरार चल रहा है।

आरोपितों ने अबतक देशभर में 120 सांसद और विधायकों से संपर्क कर ठगी की है। डीसीपी सागर सिंह कलसी के अनुसार, चांदनी चौक की रहने वाली युवती ने शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि सांसद का हवाला देकर एक शख्स ने फोन किया और स्थानीय एसबीआई बैंक में क्लर्क की नौकरी दिलाने का वादा दिया। फिर पीड़िता ने 25 हजार रुपये शुल्क के नाम पर ले लिए। जब पीड़िता बैंक गई तो पता चला कि उसके साथ ठगी की गई है। तब मामले को लेकर साइबर थाने में एफआइआर दर्ज की गई।

दोनों भाई देते थे ठगी को अंजाम

एसएचओ पवन तोमर की देखरेख में एसआई गुमान सिंह और एसआई रंजीत की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस और बैंक में जमा रुपये के निकालने के आधार पर उन्नाव के होटल से 24 वर्षीय आशू बाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने खाते में जमा करीब सवा लाख रुपये भी सीज करा दिया। आरोपित आशू उन्नाव के थाना माखी के लूटापुर गांव का रहने वाला है और लखनऊ के जानकी पुरम में रहकर बीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। पूछताछ में पता चला कि आशू अपने भाई प्रदीप के साथ मिलकर ठगी कर रहा था।

गूगल और ट्रू.कॉलर का लिया सहारा

दोनों भाई गूगल से सांसद और विधायकों के फोन नंबर लेते थे। फिर ट्रूकॉलर पर अपना नंबर एसबीआई के नाम से दर्ज करा लेते। इसके बाद सांसद.विधायक को फोन कर खुद को एसबीआइ में उच्च पदस्थ अधिकारी बता बैंक में जानकारों को नौकरी दिलाने का झांसा देते थे।

सांसद विधायक अपने जानकारों और रिश्तेदारों का नंबर देकर अपना हवाला देकर बात करने को कहते। ठगों ने सांसद एवं विधायक को अपना हथियार बना कर ठगी में इस्तेमाल किया। अब तक 120 सांसद.विधायकों से बात करने के पुलिस को साक्ष्य मिले हैं।

ऐसे सीखा ठगी का तरीका

लखनऊ में दोनों भाई डिलवरी ब्वाय का काम करते हैं। इनकी मुलाकात लखनऊ में रविकांत नाम के युवक से हुई। रविकांत ने स्थानीय विधायक को बैंक अधिकारी बनकर फोन किया और रिश्तेदार को नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उसने रुपये ले लिएए लेकिन मामले का वहां की पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया।

दोनों भाईयों ने इससे सबक लेकर यूपी के बाहर के विधायक एवं सांसद को निशाना बनाने की योजना बनाई, इसके लिए आरोपितों ने दूसरे के नाम पर सिम कार्ड खरीदे जिनका इस्तेमाल दोनों ने ठगी में किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, बिहार और बंगाल में एफआईआर दर्ज है। इसके अलावा 19 शिकायतें और दोनों से जुड़ी पाई गई हैं।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *