बारिश का कहर, यहां 63 की मौतें, यूपी से पंजाब तक मौसम का रौद्र रूप और दिल्ली भी हुई जलमग्न…..
देश में बारिश का कहर जारी है। हिमाचल प्रदेश में हालात भयावह हो चुके हैं। बारिश भूस्खलन और बाढ़ के चलते यहां अब तक 20 लोगों के मारे जाने की खबर है। बड़ी संख्या में लोग बेघर हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर 40 जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं। ब्यास नदी उफान पर है। इसके किनारे बनीं कई इमारतें ढह गईं। पुल भी ढह गए। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश में भी हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 72 घंटों में देश के अलग.अलग राज्यों में 76 लोगों की जान चली गई। यूपी में 34, हिमाचल में 20, जम्मू.कश्मीर में 15, दिल्ली में पांच और राजस्थान और हरियाणा में एक.एक की मौत की खबर है। आइए तस्वीरों में देखते हैं देश में भारी बारिश की वजह से कितनी तबाही हुई/ अब तक क्या.क्या हुआ और सरकार कैसे बचाव अभियान चला रही है।
हिमाचल प्रदेशः दो दिन में 21 मौतें, 500 से ज्यादा लोग फंसे
हिमाचल प्रदेश में लगातार चार दिनों से हो रही बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। दो दिन के भीतर 21 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को आठ और लोगों की मौत हो गई है। जबकि छह उफनती नदियों और नालों में बह गए हैं। बीते 24 जून को हिमाचल पहुंचा मानसून अब तक 63 लोगों की जान ले चुका है। भूस्खलन के चलते प्रदेश में मंगलवार सुबह 10ः00 बजे तक 1239 सड़कें बाधित थीं। 2577 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हैं। 1418 जल आपूर्ति योजनाएं भी बंद पड़ी हैं। संबंधित विभाग इनकी बहाली में जुटे हैं। शिमला में सबसे ज्यादा 581, मंडी 200, चंबा 116, सिरमौर 101, हमीरपुर व लाहौल.स्पीति में 97.97 सड़कें बंद पड़ी हैं।
इसी तरह मंडी में 673, शिमला 821, सिरमौर 447, लाहौल.स्पीति 206 व किन्नौर में 261 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। वहीं भारी बारिश के चलते श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी है। बीच राह में टेंटों में फंसे यात्रियों को मौसम साफ होते ही वापस लाया जाएगा। मंडी के औट में कुछ पर्यटक फंसे हैं। सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं। लगघाटी के फलाण में बादल फटने से 100 बीघा जमीन बह गई है। सरकारी तार स्पेन भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
सिरमौर जिले के नाहन में गिरी नदी के बीच टापू पर फंसे पांच लोगों को सुरक्षित निकालने का अभियान चलाया गया। इनमें से एक व्यक्ति के बुखार से पीड़ित होने की सूचना मिलने पर हिमालय सर्वेइंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पांवटा साहिब की मदद से ड्रोन के माध्यम से दवाएं गिराई गईं। हेलीकॉप्टर से लोगों को निकाला जा रहा है।