Friday, May 3, 2024
नई दिल्ली

रेगिस्तान में चीन खोद रहा 11 किलोमीटर गहरा गड्ढा, गहराई माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से भी अधिक, क्या है मकसद……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

चीन अपनी एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहा है। वह पिछले हफ्ते से अपने उत्तरी पश्चिमी राज्य सिंकयांग में स्थिति टकलामकान रेगिस्तान में 11 किलोमीटर से अधिक गहरा गड्ढा खोद रहा है। सवाल यह है कि आखिर माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से भी अधिक गहरा गड्ढा चीन क्यों खोद रहा है। कहीं इसके पीछे उसकी कोई खतरनाक मंशा तो नहीं, आइए, इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।

टेकलामकान रेगिस्तान में मौजूद है तेल का कुआं

चीनी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक 11 हजार 100 मीटर गहरा गड्ढा खोदने के पीछे की मंशा प्राचीन क्रेटासियस दौर की तह तक पहुंचना है। क्रेटासियस एक भूगर्भीय काल है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह योजना 457 दिन में पूरी हो जाएगी। टेकलामकान रेगिस्तान में नौ किलोमीटर गहरा तेल का कुआं पहले से मौजूद है।

चीन द्वारा खोदे जा रहे इस गड्ढे की गहराई दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से भी अधिक है।
चीन क्यों खोद रहा 11 किमी गहरा गड्ढा।

चीनी की तेल और गैस की खोज पर काम करने वाली सबसे बड़ी कंपनी चाइना नेशनल पेट्रोलियम कारपोरेशन है। कंपनी के प्रतिनिधि ल्यू जियागांग का कहा है कि 11 किमी गहरा गड्ढा खोदने का मकसद वैज्ञानिक शोध और तेल व गैस की तलाश करना है। चाइना नेशनल पेट्रोलियम कारपोरेशन दुनिया की तेल और गैस की बड़ी कंपनियों में से एक मानी जाती है। भूगर्भ विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना बहुत काम की है।

चीन के 11 किमी से अधिक गहरा गड्ढा खोदने की अन्य वजह तेल और गैस का पता लगाना है। टकलामकान रेगिस्तान के बारे में कहा जाता है कि यहां तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार हो सकते हैं।

चीन के लिए बेहद मुश्किल होगी योजना

चीनी एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के वैज्ञानिक सुन जिन का मानना है कि यह योजना चीन के लिए बेहद मुश्किल होगी। टकलामाकान रेगिस्तान में सर्दियों में तापमान माइनस 20 डिग्री और गर्मियों में 40 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है। इससे काम करने में मुश्किल होती है।

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