इलाहाबादी कबूतरों ने रच दिया इतिहास, आसमान में 161 घंटे तक भरते रहे उड़ान……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज। इलाहाबादी प्रयागराज कबूतरबाजों और उनके ताकतवार कबूतरों की बात ही निराली है। जितना गहरा शौक उतना ही प्रतियोगिता में शामिल होकर जीत का जुनून। कुछ इसी जुनून और रोमांच से भरी रही रविवार को अखिल भारतीय स्तर पर हुई कबूतरबाजी की प्रतियोगिता।
इसमें प्रयागराज के बिगुल पाठक और उनके भाई बब्बी पाठक के उड़ाए कबूतरों ने आसमान में 161 घंटे तक उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। इन पाठक बंधुओं ने प्रतियोगिता जीत ली। पुरस्कार देने के लिए फ्लाइंग क्लब आयोजन जल्द ही करेगा।
प्रतियोगिता रविवार को सुबह पांच बजे शुरू हुई थी। इसमें प्रयागराज से कुल 12, उत्तर प्रदेश में 70 और देश भर में करीब 250 टीमों ने प्रतिभाग किया। सभी टीमों ने अलग.अलग प्रजाति के अपने कबूतर उड़ाए। टाई व्यवस्था के तहत कबूतरबाजों की तरफ से एम्पायर एक.दूसरे के क्षेत्र में कबूतरों की उड़ान पर पैनी नजर बनाने के लिए पहुंचे।
मुजफ्फर नगर दूसरे और रामपुर तीसरे स्थान पर
बब्बी पाठक ने बताया कि प्रतियोगिता में मुजफ्फरनगर की टीम दूसरे और रामपुर की टीम तीसरे स्थान पर रही। प्रतियोगिता 14 मई को इंडियन पिजन एसोसिएशन नई दिल्ली ने कराई थी। इसमें 30 अप्रैल तक 1000 रुपये शुल्क जमा करके प्रवेश पाना था। दूसरे नंबर पर आए मुजफ्फरनगर के सुनील राठी के कबूतरों ने 159 घंटे और तीसरे स्थान पर आए रामपुर के इमरान के कबूतरों ने 154 घंटे उड़ान भरी।
इन कबूतरों ने भरी उड़ान
एक पर काली कलदुमिनी, बजरहा नीलदुमा, दो पर काला फुलसिरा, कलपरा कलदुमा पट्ठा, फुलसिरा कलदुमा, खौरहा, फुलसिरा कलदुमा पट्ठा, दसपरा, कलपरा कलदुमा, कलपरा कलदुमा पट्ठा, बजरहा दसपरा, बजरहा कलदुमा, बजरहा कलदुमा छापदार, नोखिन परकाली, फुलसिरी कलदुमिनी मादा, नोखिन काली चोंच, खौरहिन मादा, कलमुंही कलदुमी, तोपड़ी मादा, बेदाग कलदुमी, पिलंग कलदुमा पट्ठा, कलपरा कलदुमा मोतीचूर, बजरही कलदुमी छापदार।
दिल्ली में मिलेगा सम्मान
विजेता बब्बी पाठक ने बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर प्रतियोगिता में सभी विशिष्ट उड़ान वाले कबूतर शामिल किए जाते हैं। बताया कि विजेता टीम को दिल्ली में एक समारोह का आयोजन कर सम्मान मिलेगा।