Monday, April 29, 2024
इलाहाबादउत्तर-प्रदेश

अतीक से जुड़े पांच बड़े खुलासे, दफ्तर में मिली लाश! इंसानी खून के ही थे धब्बे, अशरफ का आईएसआई कनेक्शन, शाइस्ता…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

उमेश पाल हत्याकांड में फरार माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता और बमबाज गुड्डू मुस्लिम का अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश में मंगलवार को उसके देवर अशरफ की ससुराल में छापा मारा गया। लेकिन शाइस्ता हाथ नहीं आई। इसके अलावा, माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद रोजाना नए.नए खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार को अतीक के कार्यालय में लाश मिलने की अफवाह फैली। अतीक के कार्यालय में सोमवार को मिले धब्बे इंसानी खून के थे। अशरफ का आईएसआई कनेक्शन सामने आया है। इसके अलावा, पुलिस ने असद के दो दोस्तों को भी उठाया है।

शाइस्ता के छिपे होने की सूचना पर दौड़ी पुलिसए अशरफ की ससुराल में छापा

अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश में मंगलवार को उसके देवर अशरफ की ससुराल में छापा मारा गया। पूरामुफ्ती के हटवा गांव स्थित ससुराल में पहुंचकर पुलिस फोर्स ने दो घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। यहां अशरफ की पत्नी और अतीक की बहन आयशा नूरी के भी छिपे होने की खबर मिली थी। हालांकि सघन तलाशी के बाद भी तीनों का कुछ पता नहीं चला, जिसके बाद टीम लौट आई।

अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा का मायका हटवा गांव में है। उसके पिता के साथ ही भाई वहां रहते हैं, जोकि फरार हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि शाइस्ता व उसकी ननद आयशा नूरी इसी घर में छिपकर फरारी काट रहे हैं। साथ ही जैनब फातिमा के भी छिपने की सूचना थी। ऐसे में पूरामुफ्ती थाने की फोर्स लेकर एसओ उपेंद्र प्रताप सिंह ने दोपहर दो बजे के करीब यहां छापा मारा। इस दौरान जैनब के मायके में ताला लगा मिला।

इसी दौरान पता चला कि अशरफ की पत्नी की एक बहन भी हटवा गांव के कछार में रहती है। जिसके बाद पुलिस की टीम वहां भी पहुंची। वहां तलाशी के दौरान महिलाओं से पुलिसकर्मियों की नोकझोंक भी हुई। हालांकि पुलिस ने एक नहीं सुनी और तलाशी अभियान जारी रखा। इसके बाद गांव में अन्य संभावित जगहों पर भी पहुंचकर तीनों फरार आरोपियों की तलाश की। लेकिन पुलिसकर्मियों को मायूसी ही हाथ लगी।

59 दिन से दे रही है चकमा

उमेश पाल हत्याकांड में वांछित शाइस्ता परवीन पर 50 हजार का इनाम घोषित है। वह 59 दिन से फरार है। पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं। उसकी तलाश में मेरठ, लखनऊ, प्रतापगढ़ समेत कई अन्य शहरों में भी छापा मारा जा चुका है। हालांकि पुलिस अब तक उसे पकड़ा पाने में नाकाम है। इसके साथ ही उसकी देवरानी और अशरफ की पत्नी जैनब व ननद आयशा नूरी का भी अब तक पता नहीं लगाया जा सका है।

अपनों के बीच है सबसे ज्यादा सुरक्षित

जानकारों का कहना है कि भले ही पुलिस शाइस्ता की तलाश में कई शहरों की खाक छान रही है। हालांकि उसके लिए छिपने की सबसे मुफीद जगह उसके परिवार के करीबियों की बस्ती है। इसमें मरियाडीह से लेकर हटवा, सल्लाहपुर, भीटी, सिलना, लखनपुर, महगांव, मोहब्बतगंज, गंजिया आदि हैं। इन जगहों पर अतीक के कई करीबियों के ठिकाने हैं।

दो और तस्वीरें वायरल

उधर मंगलवार को शाइस्ता परवीन की दो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इनमें से एक में वह मुस्कुराते हुए। जबकि दूसरे में किसी से फोन से बातें करती नजर आ रही है। चर्चा यह भी है कि यह तस्वीरें असद के एनकाउंटर से पहले की हैं।

अतीक के कार्यालय में लाश की अफवाह, लगाया संगीनों का पहरा
अतीक के करबला स्थित कार्यालय में मंगलवार को लाश की अफवाह फैली तो हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का संज्ञान लेेते हुए अधिकारियों ने एसीपी शाहगंज के नेतृत्व में पुलिस टीम को भेजा। कार्यालय के चप्पे.चप्पे की छानबीन की गई। इसके बाद पुलिस ने इसे अफवाह करार दिया। पुलिस का कहना था कि जो बदबू आ रही है। वह किसी और चीज की है। इसके बाद पूरे कार्यालय के अंदर बाहर फोर्स लगा दी गई। अब कार्यालय में 24 घंटे पुलिस तैनात रहेगी।

इंसानी खून के ही धब्बे थे अतीक के कार्यालय में

अतीक के कार्यालय में सोमवार को मिले धब्बे इंसानी खून के थे। अगले 24 घंटों में ब्लड ग्रुप तथा अन्य बातों का भी पता चल जाएगा। सैंपल में इंसानी हीमोग्लोबीन की मात्रा पाए जाने के बाद इस बात की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही पुलिस की टीम इस बात की जांच में भी जुट गई कि आखिर कार्यालय में हुआ क्या था। इंसानी खून, कुर्ती और टूटी चूड़ियों के मिलने की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

महिला की कुर्ती और टूटी चूड़ियां भी मिली थीं

आस पास के डाक्टरों, क्लीनिक और अस्पतालों में भी मंगलवार को छानबीन की गई कि रविवार रात कोई घायल गया था कि नहीं। इतना तय है कि कार्यालय में कोई न कोई घायल हुआ था। अतीक अहमद के कार्यालय में सोमवार को दूसरी मंजिल से छत तक नौ जगह खून के धब्बे मिले थे। इसके अलावा खून से सना चाकू, किसी महिला की कुर्ती और टूटी चूड़ियां भी मिली थीं। फोरेंसिक टीम ने खून का सैंपल लेकर लैब में भेजा था। सूत्रों के मुताबिक खून के सैंपल में इंसानी हीमोग्लोबीन की मात्रा मिलने पर यह लगभग तय हो गया है कि वहां मिले धब्बे इंसानी खून के थे।

पुलिस की कोशिश है कि जल्द से जल्द ब्लड रिपोर्ट मिले तो कई अन्य बातों का भी खुलासा होगा। फिलहाल पुलिस मानकर चल रही है कि रविवार की रात वहां कोई न कोई घटना जरूर हुई है। वहां जरूर कोई पुरुष या महिला घायल हुई है। इंसानी खून के धब्बे, टूटी चूड़ियों और कुर्ती की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इतना साफ है कि वहां महिला और पुरुष दोनों ही लोग थे। संख्या कितनी थी, यह जांच के बाद पता चलेगा। मंगलवार को पुलिस ने करबला के आस पास कई डाक्टरों से पूछताछ की।

अशरफ का आईएसआई कनेक्शन, स्लीपर सेल की सिफारिश में लिखा था पत्र

अतीक अहमद के भाई अशरफ का आतंकी कनेक्शन सामने आया है। उसने देश में रहकर आईएसआई के स्लीपर सेल की तरह काम करने वाले युवक की सिफारिश में एक पत्र लिखा था। जीशान कमर नाम के इस युवक को 1.5 साल पहले करेली से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। आरोप था कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर देश के कई बड़े शहरों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की प्लानिंग में लगा था।

स्लीपर सेल की सिफारिश में अशरफ ने यह पत्र अपने लेटर पैड पर अगस्त 2017 में लिखा था। यह पासपोर्ट अधिकारी को संबोधित था। इसमें लिखा गया था कि जीशान कमर पिछले कई सालों से मेरे यहां काम करते हैं। यही नहीं इनसे मेरे घर जैसे ताल्लुक हैं। इसलिए जल्द इनका पासपोर्ट बनवाया जाए। इन्हें अपने काम के सिलसिले में विदेश यात्रा करनी है। इस पत्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। जिसके बाद माफिया भाइयों के आतंकी कनेक्शन की चर्चा तेज हो गई है।

असद के दो दोस्त लखनऊ से उठाए गए, एक ने हत्या वाले दिन किया था एटीएम कार्ड का इस्तेमाल

उमेश पाल हत्याकांड की जांच में एक अहम खुलासा हुआ है। पता चला है कि जिस दिन यह वारदात हुई, उसी दिन लखनऊ में मुख्य शूटर असद का एटीएम कार्ड इस्तेमाल किया गया था। एटीएम कार्ड इस्तेमाल करने वाला उसका जिगरी दोस्त आतिन जफर है। लखनऊ पुलिस ने उसे व उसके एक दोस्त को हिरासत में लेकर सूचना दी तो जिला पुलिस की एक टीम भी पहुंच गई। फिलहाल दोनों को लाकर पूछताछ किए जाने की तैयारी है।

आतिन मूल रूप से खुल्दाबाद का रहने वाला है। लेकिन वह पिछले कुछ सालों से लखनऊ में अतीक अहमद के बेटे असद के साथ रहने लगा था। आतिन माफिया के बेटे के साथ उसके महानगर स्थित फ्लैट में रहता था और उसकी परछाई बनकर उसके साथ चलता था। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को पता चला कि जिस दिन उमेश पाल की हत्या हुई। उसी दिन असद के एटीएम कार्ड का इस्तेमाल लखनऊ में किया गया। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिसकर्मियों का माथा ठनक गया क्योंकि उस दिन असद धूमनगंज स्थित घटनास्थल पर था।

बैंक से डिटेल निकलवाने पर उस एटीएम की लोकेशन के बारे में पता चला जहां असद के एटीएम कार्ड का इस्तेमाल कर नकदी निकाली गई थी। यह भी पता चला कि 10 हजार रुपये निकाले गए थे। इसके बाद पुलिस ने एटीएम में लगे सर्विलांस कैमरे का फुटेज निकलवाया तो रुपये निकालते एक युवक की तस्वीर मिली। उसके बारे में जानकारी की गई तो पता चला कि वह असद का जिगरी दोस्त आतिन है।

इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में लगी थी। मंगलवार को लखनऊ पुलिस की एक टीम ने उसे हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही उसके उस दोस्त को भी उठाया गया है। जिसके साथ 24 फरवरी को वह एटीएम से नकदी निकालने पहुंचा था। इसके बाद सूचना दी गई तो प्रयागराज पुलिस की एक टीम ने भी वहां पहुंचकर दोनों से पूछताछ की। माना जा रहा है कि दोनों को यहां लाकर उनसे उमेशपाल हत्याकांड के राज उगलवाए जाएंगे।

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