विदेशी मेहमानों को खींच रही इत्रनगरी की खुशबू, कोरोना संक्रमण से लगी पाबंदी से तीन साल तक रहा सन्नाटा…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कन्नौज। पिछले तीन साल में कोरोना की पाबंदी की वजह कर इत्रनगरी से दूर रहने वाले विदेशी अब फिर से यहां आने लगे हैं। इत्र कारोबार को करीब से देखने और कन्नौज के इतिहास से रूबरू होने के लिए तीन साल का सन्नाटा टूटने लगा है। पिछले कुछ दिनों में विदेशी मेहमानों की बढ़ी आमद से यहां रौनक बढ़ रही है।
देश.दुनिया में इत्र के कारोबार के लिए मशहूर कन्नौज में विदेशी मेहमान अक्सर समय.समय आते रहे हैं। वह न सिर्फ यहां के इत्र कारोबार को करीब से देखते हैंए बल्कि कारोबार से जुड़े टिप्स भी लेकर जाते हैं। इसके अलावा यहां के स्वर्णिम इतिहास से भी रूबरू होते हैं। 2020 के शुरू में कोरोना काल की वजह कर लगी देशव्यापी पाबंदी की वजह कर यहां अलग.अलग देशों से आने वालों पर इसका असर पड़ा। जो लोग विदेशों में यहां से इत्र निर्यात करवाते हैंए वह भी नहीं आए। विदेशी कारोबार की गतिविधियों पर भी विराम लगा। अब जबकि पाबंदी हट चुकी हैए तो विदेश से आने वालों का सिलसिला शुरू हो गया है। कुछ महीने पहले तक तो इक्का.दुक्का ही विदेशी आ रहे थेए अब उनकी यह संख्या बढ़ गई है। पिछले एक पखवाड़े में यहां अलग.अलग देशों से कई लोग बाकायदा समूह में यहां आ चुके हैं। उन्हें यहां के इत्र बाजार में भी टहलते हुए देखा गया है। इत्र कारखानों में भी यह समूह पहुंचा है।
एफएफडीसी में उमड़ते हैं विदेशी
कन्नौज आने वाले विदेशी मेहमान यहां सबसे ज्यादा एफएफडीसी ;सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र पहुंचते हैं। यहां वह इत्र बनाने की हर बारीकी को करीब से देखते हैं। खेत से फूल के आने और फिर प्राकृतिक तरीके से खुशबू तैयार करने की देसी विधि उन्हें खूब भाती है। अभी पिछले दिनों ही छह अप्रैल को यहां फ्रांस, कंबोडिया, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, स्वीटजरलैंड से लोग आए थे। एफएफडीसी के निदेशक डॉ. शक्ति विनय शुक्ला से मिलकर खुशबू के कारोबार की बारीकी भी जानी थी। डॉ. शक्ति विनय शुक्ला के मुताबिक यहां हर साल बड़ी संख्या में विदेशी आते हैं। उनमें से कई लोग यहां रहकर बाकायदा प्रशिक्षण भी हासिल करते हैं। कोरोना की पाबंदी की वजह कर इस पर उस दौरान ब्रेक लगा था। अब यह सन्नाटा टूट रहा है। उम्मीद है आने वाले समय में मेहमानों की संख्या में और इजाफा होगा। इसका फायदा शहर की अर्थव्यवस्था को होगा।
संग्रहालय में तीन दिनों तक लगी थी कार्यशाला
कोरोना की पाबंदी लगने से ठीक दो महीने पहले यहां जीटी रोड स्थित राजकीय पुरातत्व संग्रहालय में बाकायदा तीन दिनों तक कार्यशाला लगी थी। इसमें जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, ऑस्ट्रिया, रूस, पेरू सहित कई देशों से लोग पहुंचे थे। यहां बाकायदा उन्होंने तीन दिवसीय कार्यशाला की थी। कन्नौज से जुड़ाव पर चर्चा हुई थी। सभी लोग यहां के ही होटलों में ठहरे थे।
कन्नौज में समय.समय पर विदेश से लोग यहां आते रहे हैं। एफएफडीसी में ही रहकर ट्रेनिंग भी लेते हैं। यहां से इत्र बनाने की ट्रेनिंग लेकर अपने देश में जाकर उसका कारोबार करते हैं। अब फिर से उनके आने का सिलसिला शुरू हुआ है।.डॉ. शक्ति विनय शुक्ला, निदेशक. एफएफडीसी
जिले में विदेशी मेहमानों का आना अच्छी बात है। उनके आने से न सिर्फ सकारात्मक माहौल बनेगा, बल्कि कारोबारी रिश्ते भी बेहतर होंगे। बाजार को भी फायदा पहुंचेगा। सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है।. शुभ्रांत शुक्ल, डीएम