दिमाग हिला देने वाली घटना, जिसके कत्ल में जेल की सलाखें मिलीं, वह जिंदा मिली, फिर वो लाश किसकी थी…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से हत्याकांड का ऐसा मामला सामने आया जिससे पुलिस भी हैरान है। पुलिस ने जो खुलासा किया उसे जानकर लोगों का दिमाग हिल गया है। करीब 10 महीने पहले जिस किशोरी को मृत दिखाकर दो आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। वह नोएडा में जीवित मिली है। ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है कि फिर कुएं से किसकी लाश मिली थी। मामले की पेंच सुलझाने में जुटी पुलिस ने फिलहाल जीवित मिली किशोरी के माता.पिता को शिकंजे में लिया है। साक्ष्य छिपाने के आरोप में दोनों पर केस दर्ज हिरासत में लिया है। किशोरी की हत्या और अपहरण के झूठे मामले का पर्दाफाश होने के बाद अब कई सवाल हैं। कुएं में मिली लाश किसकी थी। किसने उसकी हत्या की और मकसद क्या था। जिंदा मिली किशोरी के कपड़े कुएं तक कैसे पहुंचेघ् पुलिस की जांच में अभी तमाम तथ्य सामने आएंगे।
किशोरी किसी घटना का शिकार हुई थी या आरोपियों को फंसाने के लिए उसे कुएं में फेंका गया था। किशोरी के दोनों हाथ और पैर बंधे हुए थे। इससे साफ है कि उसकी हत्या हुई थी। अब नोएडा से किशोरी की बरामदगी ने मामले को एक नया मोड़ दे दिया है।
नोएडा से मिली किशोरी ने पूछताछ में जो बताया वो और भी हैरान करने वाला है। उसने बताया कि वो शुरू से ही अपने माता.पिता के संपर्क में थी। किशोरी ने बताया कि उसके माता.पिता ने उसकी शादी तय की थी। इससे वह खुश नहीं थी। वह परेशान होकर घर से भाग गई थी। एक महिला के संपर्क में आने पर वह नोएडा पहुंच गई।
पुलिस कार्यालय सरपतहां में एसपी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि 16 मई 2022 को गोपीगंज के सीखापुर निवासी श्याम किशोर पांडेय ने तहरीर देकर आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग बेटी शौच के लिए निकली लेकिन लौट कर नहीं आई। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
27 मई 2022 को ऊंज के मोहनपुर के सिवान में कुएं में एक किशोरी का शव मिला। श्याम किशोर पांडेय और उसकी पत्नी ने उसकी शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की। विष्णु कहार निवासी कस्तूरीपुर और प्रदीप कुमार निवासी चकमानधाता गोपीगंज के खिलाफ अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।