छात्रा को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म के बाद चलते आटो से फेंकने का मामला, दो को उम्रकैद की सजा……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दो युवकों को न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पांच माह के भीतर न्यायालय का यह त्वरित निर्णय आया है। दुष्कर्म करने वाले दोनों युवकों इमरान उर्फ मुस्तफा और आकाश द्विवेदी के खिलाफ पीड़िता ने 16 अक्टूबर 2022 को एफआइआर दर्ज कराई थी। न्यायालय ने दोनों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोनों के खिलाफ अगवा, बंधक बनाने, लूट, सामूहिक दुष्कर्म और गाली गलौज व धमकी देने की धारा में एफआइआर दर्ज हुई थी।
एडीसीपी पूर्वी अल्ली अब्बास के मुताबिक मुकदमा दर्ज होने के 30 दिन के भीतर दोनों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी। न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इमरान और आकाश को सामूहिक दुष्कर्म में आजीवन कारावास व एक लाख का अर्थ दंड, लूट में दो वर्ष का सश्रम कारावास और दो हजार का अर्थदंड, बंधक बनाने में एक साल का सश्रम कारावास और एक हजार का अर्थदंड, मारपीट में एक साल का सश्रम कारावास और एक हजार का अर्थदंड, गाली गलौज में दो वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार का अर्थदंड तथा धमकी देने पर दो वर्ष का सश्रम कारावास और दो हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
15 अक्टूबर 2022 को कठौता झील के पास से आटो चालक इमरान और उसके साथी आकाश ने 18 वर्षीय छात्रा का अपहरण कर लिया था। इसके बाद उसे प्लासियो माल के पीछे सूनसान इलाके में ले गए, जहां सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद बदहवास हालत में छात्रा को हुसड़िया चौराहे के पास फेंककर भाग निकले। 16 अक्टूबर को पीड़िता की तहरीर पर विभूतिखंड थाने में एफआइआर दर्ज हुई थी।
तीन थानों का चक्कर काटती रही थी पीड़िता
होश आने पर पीड़िता हुसड़िया चौराहे के पास पुलिस बूथ पर पहुंची तो वहां कोई पुलिस कर्मी नहीं मिला था। रविवार शाम तक वह रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सुशांत गोल्फ सिटी, गोमतीनगर और विभूतिखंड थाने का चक्कर काटती रही। इंटरनेट मीडिया पर घटना का मैसेज प्रसारित हुआ तो अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया और विभूतिखंड थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी। घटना के दिन पीड़िता कठौता के पास ट्यूशन पढ़ाने गई थी। ट्यूशन पढ़ाकर लौट रही थी। इमरान और आकाश ने पीड़िता को तीन घंटे तक प्लासियो माल के पीछे बंधक बनाकर रखा था। दोनों ने हैवानियत की और विरोध पर आटो में ही उसे पीटते रहे थे। पुलिस की लापरवाही पर मामले में जांच के आदेश दिए गए थे। हालांकि तीनों थानों के प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई थी।