ट्रेन में एसी कोच बढ़ाए, जनरल, स्लीपर में चढ़ने के लिए मारामारी, किसी की छूटी चप्पल, गिरी दवाई, टूटी कान की बाली……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मुजफ्फरपुर। रक्सौल से हावड़ा जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस के कोच कम हो जाने से हर रोज यात्रियों के बीच चढ़ने.उतरने के लिए धक्का.मुक्की और मारामारी हो रही है। यात्री सामान के साथ चढ़ नहीं पा रहे हैं। एक को चढ़ाने के लिए कई लोग सहयोग में जंक्शन पर आ रहे। गुरुवार को चढ़ने.उतरने के दौरान कई महिलाओं के कान की बाली टूट गई तो कई की चप्पल, दवाइयां और पानी की बोतलें तक प्लेटफॉर्म पर ही गिर गईं।
एक दिव्यांग महिला यात्री स्लीपर में नहीं चढ़ पाई तो उसे एसी बोगी में चढ़ा दिया गया। साथ चल रहे स्वजन ने बताया कि भीड़ कम होने पर स्लीपर बोगी में ले जाएंगे। भीड़ इतनी हो गई कि स्लीपर बोगी में टीटीई तक नहीं चढ़ पाए। ट्रेन चली तो एसी बोगी में चढ़े। आरपीएफ इंस्पेक्टर पीएस दुबे की पूरी टीम प्लेटफार्म पर लगी रही, फिर भी भीड़ के सामने असहाय ही रही। जनरल बोगी में तो कई यात्री चढ़ ही नहीं पाए। कुढ़नी के सावन कुमार ने बताया इतनी भीड़ है कि अटैची के साथ बोगी के अंदर जा नहीं पाए, इसलिए यात्रा स्थगित कर दी।
मध्यमवर्गीय लोग हो रहे परेशान
रक्सौल से हावड़ा आने.जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस एलएचबी के साथ चल रही है। यह रेलवे की अच्छी पहल हैए लेकिन कोच कम होने से मध्यम वर्गीय और मजदूर वर्ग के लोगों के लिए यात्रा करना मुश्किल हो गया है। चढ़ने.उतरने के लिए मारामारी हो रही है। स्लीपर और जनरल कोच में पैर रखने की जगह नहीं है।
आगे.पीछे दौड़ते यात्री, फिर भी नहीं मिल रही जगह
यात्री ट्रेन आने पर पहले आगे और पीछे की ओर दौड़ते हैं, लेकिन भीड़ देखकर मायूस हो जाते हैं। ट्रेन में जनरल कोच को चार से घटाकर दो कर दिया गया है। स्लीपर को आठ से घटाकर चार कर दिया गया। वहीं एसी कोच 12 कर दिए गए।
यात्रा का खर्च बढ़ने से परेशानी
मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के यात्रियों को हावड़ा जाने के लिए के लिए दिन भर में सिर्फ एक ट्रेन मिथिला एक्सप्रेस ही है। इसके रैक में बदलाव से यात्रियों को मुश्किल हो रही है। जनरल व स्लीपर कोच घटने से यात्री परेशान हैं। मुजफ्फरपुर से हावड़ा के लिए 180 रुपये का जनरल टिकट व 330 रुपये की स्लीपर टिकट से यात्रा कर लेते थे। थर्ड एसी में यात्रा करने पर उनको 895 रुपये देने होते हैं।
मिथिला एक्सप्रेस में पहले की तरह 20 कोच ही हैं। डिमांड के हिसाब से एसी कोच बढ़ाए गए हैं। स्लीपर और जनरल कोच की डिमांड आने पर दूसरी ट्रेन चलाई जाएगी।
वीरेंद्र कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्व मध्य रेल