कातिल हाथी को पहुंचाया गया विनोद वन, कलशयात्रा में तीन लोगों की कुचल कर ले ली थी जान….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर में तीन लोगों को जान से मारने के बाद घटनास्थल से हाथी को सुबह आठ बजे विनोद वन ले जाकर छोड़ दिया गया। इस दौरान वन विभाग और चिड़ियाघर की टीम मौजूद थी। डॉक्टर योगेश के साथ कानपुर और आगरा चिड़ियाघर से आए सहयोगी चिकित्सक भी साथ थे। विनोद वन में हाथी को एक पेड़ से बांधकर वन विभाग की टीम निगरानी कर रही है।
दरअसल, घटनास्थल से थोड़ी दूर पर ही एक बाग में हाथी को शांत कर बांधा गया था। पूरी रात उसे रेस्क्यू कर विनोद वन ले जाने की योजना बनती रही। चूंकि, कुछ घंटे पहले ही हाथी ने तीन लोगों की जान ली थी तो ऐसे में हाथी के करीब जाने में लोगों को डर लग रहा था।
इसी बीच सुबह साढ़े पांच बजे हाथी को ट्रक पर सवार किया गया। इसके थोड़ी देर बाद विनोद वन जंगल की तरफ लेकर टीम निकली। करीब सवा सात बजे टीम जंगल पहुंची। लगभग 40 मिनट की मशक्कत के बाद ट्रक से नीचे उतार जंगल के अंदर हाथी को लेकर गए। फिलहाल उसे वहीं बांधकर उसकी निगरानी और स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
एक ट्रक टूट गया, दूसरे में सवार हुआ हाथी
रेस्क्यू करने वाली टीम के एक सदस्य ने बताया कि हाथी को नियंत्रित करने के बाद भी शांत रखना बहुत मुश्किल था। रेस्क्यू के लिए देर रात करीब 12 बजे एक ट्रक लाया गया। उसपर हाथी को लादने के दौरान वो थोड़ा फिर हिंसक होकर उथल पुथल करने लगा, जिससे ट्रक का पिछला हिस्सा टूट गया। इसके बाद हाथी को दवा देकर दूसरे ट्रक का इंतजाम करवाया गया। सुबह साढ़े पांच बजे इसे लादने में सफलता मिली।
तीन डॉक्टरों की टीम कर रही है निगरानी
हाथी के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए तीन डॉक्टरों की टीम लगाई गई है। आगरा, कानपुर चिड़ियाघर के डॉक्टर नियमित अंतराल पर विनोद वन जाकर हाथी का स्वास्थ्य और मानसिक परीक्षण करेंगे। जबकि, चिड़ियाघर के डॉक्टर योगेश परीक्षण के साथ उनका स्थानीय स्तर पर सहयोग करेंगे।