रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों पर रासुका, कौन हैं वो दो लोग जिन पर लगी एनएसए, क्या है ये कानून……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा श्रीरामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। उत्तरप्रदेश में श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने के मामले में दो मुख्य आरोपित मो. सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा के खिलाफ एनएसए ;राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई की गई है।
पूछताछ में पता चला था कि श्रीरामचरित मानस के पन्नों की फोटो सत्येंद्र ने अपने मोबाइल में खींची थी। इसके बाद कालोनी में ही एक दुकानदार के मोबाइल पर वाट्सएप की थी। दुकानदार ने आरोपित सत्येंद्र के कहने पर श्रीरामचरित मानस के उन पन्नों की प्रतियां अपने प्रिंटर से निकालीं थीं। सत्येंद्र कुशवाहा, मो. सलीम उन प्रतियों को लेकर वृंदावन तिराहे पर पहुंचे थे। इसके बाद पांच लोगों ने उन्हें पैरों से कुचला था और फिर आग लगा दी थी।
भारत के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या रासुका को विभिन्न मामलों में लगाया जाता है। अगरए केंद्र या राज्य सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून.व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में उसके सामने बाधा उत्पन्न कर रहा है या आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधक बन रहा है। तो सम्बंधित सरकार द्वारा उस व्यक्ति को गिरफ्तार कराया जा सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 23 सितंबर 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान अस्तित्व में आया था। रासुका में संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है।