कड़ाके की ठंड भालुओं के लिए आफत, शीतलहर से बचाने के लिए किए गए खास इंतजाम……
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे में इंसान के साथ ही बेजुबान जानवर भी परेशान हैं। यही वजह है कि भालुओं के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस ने आगरा के कीठम स्थित भालू संरक्षण केंद्र में सर्दी से बचाव के विशेष इंतजाम किए गए हैं। एक तरफ सर्दी के हिसाब से फूड चार्ट तैयार किया गया है जिसमें सुबह.शाम चार तरीके के आटे से मिलाकर दलिया तैयार किया जाता है। उसमें अंडे और खजूर मिलाकर भालुओं को दिया जाता है तो वहीं दिन में गुड़ और लाई के लड्डू बनाकर भालुओं को खिलाए जाते हैं ताकि शीतलहर से उनका बचाव किया जा सके।
संस्था के उपनिदेशक वेटनरी सर्विस इलयाराजा के मुताबिक भालुओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है फिर भालुओं के बनाए गए कमरे हों या खुले मैदान, दोनों जगह फूड चार्ट से लेकर उनकी एक्टिविटी के हिसाब से व्यवस्थाएं की गईं हैं ताकि भालुओं को इस कड़ाके की ठंड से बचाया जा सके। उनके मुताबिक सर्दी के उस मौसम में भालुओं को सीजनल फल भी खिलाए जा रहे हैं ताकि तापमान नियंत्रित रह सके। भालुओं के कमरों में हेलोजन लाइट और रूम हीटर भी लगाए गए हैं ताकि गलन से उन्हें राहत मिल सके।
2002 से चल रहा भालू संरक्षण केंद्र
एक तरफ बाड़े के अंदर भालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं वहीं दूसरी तरफ धूप निकलने पर मैदान में निकाल दिया जाता है जहां उनके लिए विशेष तरह के झूले हेमॉक लगाए गए हैं। इन झूलों पर घास की चटाई से लेकर खाने.पीने का इंतजाम रहता है जहां बैठकर भालू मस्ती करते हुए नजर आते हैं। आगरा के कीठम झील स्थित वन्य जीव संस्था वाइल्ड लाइफ एसओएस साल 2002 से भालू संरक्षण केंद्र का संचालन कर रहा हैं। यह पूरी दुनिया के स्लॉथ बीयर का सबसे बड़ा केंद्र है जहां 109 स्लॉथ प्रजाति के भालुओं का लालन पालन हो रहा है। ज्यादातर ये वो भालू हैं जो कलंदरों से मुक्त कराए गए हैं।