गुजरात चुनाव में हारकर भी जीती आम आदमी पार्टी! जानिए कैसे बनी राष्ट्रीय पार्टी……लगातार 10 वर्षो के संघर्ष के बाद……
नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। जिसमें बीजेपी अभी तक 111 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है। बीजेपी 45 सीटों पर अभी आगे चल रही हैण् आम आदमी पार्टी के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे और पार्टी गुजरात में अभी तक 4 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है और एक सीट पर आगे चल रही है।
हालांकि हार के बाद भी आम आदमी पार्टी को खुश होने का मौका मिल गया है। दरअसल आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। गुजरात में आम आदमी पार्टी को भले ही 5 सीटें मिली हैं लेकिन पार्टी को विधानसभा चुनाव में 13 फीसदी वोट शेयर मिला है।
कैसे मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
नाम से ही स्पष्ट है कि राष्ट्रीय पार्टी वो राजनैतिक पार्टी होती है। जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति होती है। वहीं क्षेत्रीय पार्टियों की एक राज्य या क्षेत्र में ही मौजूदगी होती है।
चुनाव आयोग के अनुसार, भारत में किसी भी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए 4 या उससे ज्यादा राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी होना जरूरी है।
साथ ही पार्टी को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 6 फीसदी वोट मिलने चाहिए, साथ ही पिछले लोकसभा चुनाव में उसके कम से कम 4 सांसद होने चाहिए।
अगर किसी ने पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कम से कम 3 राज्यों में कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें जीती हैं तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता हैण् मतलब 543 लोकसभा सीटों में से 11 लोकसभा सीटें जीतने पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
आम आदमी पार्टी की बात करें तो यह पार्टी दिल्ली और पंजाब में सत्ता पर काबिज हैण् वहीं गोवा विधानसभा चुनाव में आप को 6.77 फीसदी वोट मिले थेण् अब गुजरात में भी 13 फीसदी वोट शेयर पाकर आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने की शर्तों को पूरा कर चुकी है। हिमाचल प्रदेश में आप को सिर्फ1 फीसदी वोट शेयर मिल सका।
क्षेत्रीय पार्टी के लिए नियम क्या हैं
क्षेत्रीय पार्टी बनने के लिए किसी राजनीतिक पार्टी को पिछले विधानसभा चुनाव में कम से कम 6 फीसदी वोट शेयर पाना जरूरी है। साथ ही कम से कम 2 विधायक होने जरूरी हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में किसी राज्य से 6 फीसदी वोट शेयर पाने वाली और एक सांसद वाली राजनीतिक पार्टी को क्षेत्रीय पार्टी माना जाता है।
किसी राज्य में कुल सीटों की 3 फीसदी सीटें या फिर 3 सीटों में से जो भी ज्यादा हो, जीतने पर क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।