दुष्कर्म पीड़ित लड़की को अदालत ने गर्भपात कराने की नहीं दी इजाजत, कहा. जान पर होगा खतरा…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कौशांबी। रिश्ते में चाचा लगने वाले युवक के दुष्कर्म का शिकार हुई चरवा क्षेत्र की किशोरी को विशेष न्यायाधीश पाक्सो अरविंद कुमार की अदालत ने गर्भपात की इजाजत नहीं दी। वजह यह कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पता चला कि किशोरी के पेट में 24 हफ्ते का गर्भ पल रहा है। ऐसे में अबार्शन करने पर उसकी जान का खतरा हो सकता है।
शरीर में बदलाव आने पर घरवालों को चला दुष्कर्म का पता
चरवा क्षेत्र की रहने वाली 13 वर्षीय किशोरी के साथ गांव के ही एक युवक ने दुष्कर्म किया था। यह युवक रिश्ते में लड़की का चाचा लगता है। जब लड़की के शरीर में बदलाव आया तो परिवार के लोगों ने उससे इस बारे में पूछा। तब किशोरी ने घरवालों को आपबीती सुनाई। बेटी के यौन शोषण के बारे में परिवार के लोगों को भनक भी नहीं थी। अचानक यह सब जानकर घरवाले स्तब्ध रह गए।
पुलिस ने केस लिखकर भेजा आरोपित को जेल
इस मामले में पिता की शिकायत पर चरवा थाने की पुलिस ने आरोपित युवक के खिलाफ केस दर्ज किया। फिर पुलिस ने पीड़ित लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया। साथ ही आरोपित युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। प्रकरण का विचारण स्पेशल कोर्ट पाक्सो एक्ट की अदालत में किया गया।
पिता की अर्जी पर कोर्ट ने मांगी सीएमओ से रिपोर्ट
कुछ दिन पहले अदालत में पीड़िता के पिता ने बेटी का गर्भपात कराए जाने की अर्जी दाखिल की। कोर्ट के आदेश पर सीएमओ ने मेडिकल बोर्ड गठित कर परीक्षण की रिपोर्ट अदालत के सामने पेश की। रिपोर्ट में 24 सप्ताह की गर्भवती होने की पुष्टि हुई। इसे अदालत ने गंभीरता से लिया।
गर्भपात से मनाही, अब क्या होगा भविष्य
अदालत ने तमाम तथ्यों पर मंथन करने के बाद यह साफ किया कि यदि गर्भपात कराया गया तो किशोरी की जान को खतरा है। बुधवार को अदालत ने गर्भपात कराने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया। अब लड़की के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।