Friday, May 3, 2024
उत्तर-प्रदेशवाराणसी

मन की बात में पीएम ने चंदौली से सटे यहां के खिलाड़ी शिवपाल सिंह का किया जिक्र, परिवार में और भी हैं धुरंधर…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के पड़ोसी जिले चंदौली के निवासी शिवपाल सिंह का जिक्र मन की बात में करके उनका हौसला बढ़ाया है। इस बार टोक्‍यो ओलंपिक में जाने वाली टीम में शिवपाल सिंह शामिल हैं। पीएम ने इस दौरान देश भर के कई खिलाड़‍ियों का जिक्र मन की बात में करके सभी खिलाड़‍ियों का उत्‍साहवर्धन किया है।

धानापुर विकासखंड के हिंगुतरगढ के माटी के लाल शिवपाल सिंह इस बार टोक्यो ओलंपिक के जोली जैवलिन थ्रो में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। उनका और उनके परिवार का एक ही सपना है कि वह गोल्ड जीतकर ही लौटें। पीएसी में तैनात कांस्टेबल रामाश्रय सिंह के बड़े पुत्र शिवपाल सिंह ने एक बार फिर क्षेत्र ही नहीं पूरे जनपद का मान बढ़ाया है। भाला फेंक खिलाड़ी शिवपाल के टोक्यो ओलंपिक में चयन से उनके गांव और क्षेत्र में खुशी की लहर इन दिनों है। शिवपाल और उनके छोटे भाई नंदकिशोर का बचपन से ही खेल में जाने का सपना रहा है।

शिवपाल के चाचा जगमोहन भी जैवलिन के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं जो नेवी में तैनात हैं। शिवपाल की प्रतिभा को देखते हुए उनके चाचा जगमोहन 13 साल की अवस्था में ही उन्हें अपने साथ दिल्ली ले आए और जेवलिन थ्रो की ट्रेनिंग दिलाई। स्पोर्ट्स कोटे से ही शिवपाल एयरफोर्स में भर्ती हुए। वर्ष 2018 में एशियन गेम्स, वर्ष 2019 में नेशनल फेडरेशन कप एथलेटिक चैंपियनशिप सहित वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने उन्हें लक्ष्मण पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।

इससे पूर्व दक्षिण अफ्रीका में चल रहे क्वालीफाइंग मुकाबले में 85.47 मीटर भाला फेंककर उन्‍होंने ओलंपिक का टिकट पक्का किया था। शिवपाल सिंह के पिता रामाश्रय सिंह वाराणसी में रामनगर में 34 वाहिनी पीएसी में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। जबकि शिवपाल की मां पूनम सिंह का निधन 5 फरवरी 2013 को हो गया था। बावजूद इसके उन्होंने अपने जज्बे को कायम रखते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके चाचा ने समय.समय पर उन्हें प्रेरित किया। हिंगुतरगढ़ के मूल निवासी शिवपाल सिंह के जुनून के आगे कड़ी धूप और कड़ाके की ठंड भी कोई मायने नहीं रखती थी। वह अपने चाचा जगमोहन सिंह को आदर्श मानते थे और उनके साथ अभ्यास के दौरान काफी उत्साह भी दिखाते हुए प्रशिक्षण लेते थे।

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