चंदौलीः डीएम चंदौली का पत्र जायेगा जनपद के 734 गांवों के ग्राम प्रधानों को…..डीएम ने सभी प्रधानों को अपने-अपने गांवों में कराने का किया अनुरोध, पत्र में जुर्माने का भी किया गया है उल्लेख, पूर्णतः रोक लगाया गया है, इस लिए करें इसका प्रयोग……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
चंदौली। पराली न जलाने को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार पूरी तरह अलर्ट है। पराली जलाने से कई प्रकार के हानि हो रहे है। वहीं गुरुवार को जिलाधिकारी ईशा दुहन ने जनपद के 734 गांवों के ग्राम प्रधानों को पराली न जलाने को लेकर जागरुक करने के लिए पत्र जारी कर दिया है।
पत्र के माध्यम से बताया है कि उच्चतम न्यायालय व राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली द्वारा दिए गये दिशा निर्देश के अन्तर्गत पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णतया रोक लगाए जाने के निर्देश है। एक टन धान की फसल के अवशेष जलाने से तीन किलोग्राम कणिका तत्व, 60 किलोग्राम कार्बन मोनो ऑक्साइड, 1400 किलोग्राम कार्बन डाई आक्साइड, 199 किलोग्राम राख व दो किलोग्राम सल्फर डाई ऑक्साइड अवमुक्त होता है।
गैसों के कारण सामान्य वायु की गुणवत्ता में कमी आती है। जिससे आँखों में जलन एवं त्वचा रोग होते है। कणिका तत्वों के कारण जीर्ण हृदय व फेफड़े की बीमारी के रूप में मानव स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इसके साथ ही मृदा मैं पोषक तत्वों के नष्ट होने से भूमि का तापमान नमी व जैविक पदार्थ भी अत्यधिक प्रभावित होते है। एक हेक्टेयर धान की पराली जो लगभग 06 टन होती है। उसके जलाने से पोषक तत्व के रूप में प्रति हे. 33 किलोग्राम नाइटोजन, 13.80 किलोग्राम फास्फोरस तथा 150 किलोग्राम पोटास जो क्रमशः 71.60 किलोग्राम यूरिया 20.95 किलोग्राम डीएपी तथा 250.5 किलोग्राम एमओपी से मिलता है। का हास होता है। इसका वर्तमान दर पर कुल मूल्य लगभग 5149 है इस प्रकार कृषक भाईयों के पराली जलाने से न केवल जनित पर्यावरणीय प्रदूषण में वृद्धि होती है बल्कि अवशोषित पोषक तत्वों का भी नुकसान हो जाता है।राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेश के क्रम में पर्यावरणीय क्षति हेतु निम्नवत् अर्थदण्ड निर्धारित किया गया है। कृषि भूमि का, एकड से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 2500 प्रति घटना 2 कृषि भूमि का 02 एकड़ से अधिक, किन्तु 05 एकड़ तक होने की दशा में अर्थदण्ड 5000 प्रति घटना।
कृषि भूमि का 05 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड 15000 प्रति घटना। उक्त का व्यापक प्रचार.प्रसार करते हुए अपनी ग्राम पंचायत के समस्त कृषकों को धान की पराली गन्ने की पराली व अन्य कृषि अपशिष्ट को न जलाने हेतु जागरूक करते हुए कृषि अवशिष्ट जलाने से होने वाली हानियों के बारें में भी कृषकों को अवगत कराये।