यहां जंगल की खोदाई में निकला था पांच फीट लंबा शिवलिंग, अद्भुत रूप में देते हैं दर्शन…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कानपुर। सरसौल में नयाखेड़ा व टेढ़ियन गांव के बीच ठड्डेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है। श्रावण मास में भक्त अभिषेक.पूजन कर भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं। बाबा के दरबार में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं। इस प्राचीन मंदिर में अपोलो कालेज से महुआ गांव होकर और सिकठिया से डोमनपुर होते हुए पहुंचा जा सकता है।
मंदिर का इतिहासः भक्तों के मुताबिक जिस स्थान पर शिवलिंग स्थापित है। वहां सौ वर्ष पहले जंगल था। यहां से थोड़ी दूर पर गंगा मैया भी हैं। जंगल की खोदाई कराकर खेत बनाए जा रहे थे तभी अचानक मिट्टी के नीचे कुछ दबा नजर आया। ग्रामीणों ने मिट्टी हटाकर देखा तो लगभग पांच फीट लंबा शिवलिंग निकला, जिसे ग्रामीणों ने नीम के पेड़ के नीचे स्थापित कर दिया। शिवलिंग लंबा और उसका कुछ हिस्सा गोल तथा चौकोर होने के चलते यह अद्भुत रूप में दिखाई देता है। शिवलिंग खड़े रूप में विराजमान है। इसलिए इसे ठड्डेश्वर महादेव कहा जाता है।