वाणिज्य कर अधिकारी की फर्जी वसीयत तैयार कर बेच दिया भूखंड, जांच में पकड़ आया मामला…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
आगरा। विकास प्राधिकरण में फर्जी तरीके से भूखंडों को बेचने के घोटाले लगातार सामने आ रहे हैं। आरोपितों ने वाणिज्य कर अधिकारी की फर्जी वसीयत तैयार कर उनका भूखंड का बैनामा किसी और के नाम कर दिया। आरोपितों द्वारा भूखंड की चहारदीवारी कराने पर अधिकारी के स्वजन को इसका पता चला। उन्होंने एडीए उपाध्यक्ष से इसकी शिकायत की। विभागीय जांच में मामला सही पाए जाने पर पीड़िता की ओर से सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।
छत्ता के जीवनी मंडी भैरो बाजार निवासी कुसुमलता ने सिकंदरा थाने में सात लोगों के नाम मुकदमा दर्ज कराया है। कुसुमलता के अनुसार उनके पति उदयवीर सिंह, वाणिज्य कर अधिकारी थे। पति ने मार्च 2003 में शास्त्रीपुरम के सी ब्लाक में 162 वर्ग मीटर का भूखंड लिया था। जिसका बैनामा उनके नाम था। सेवानिवृत्त होने के बाद दिसंबर 2016 में उनके पति की मौत हो गई।
कुसुम लता का आरोप है कि महाराणा प्रताप आशियाना कानपुर रोड निवासी जलज सिंह ने एक फर्जी वसीयत 30 दिसंबर 2003 को नोटरी के द्वारा तैयार कराई। फर्जी दस्तावेजों से दिसंबर 2021 में उनके भूखंड का बैनामा रौतान सिंह निवासी देवरी का नगला सदर के नाम कर दिया। जबकि जलज सिंह को वह और उनके पति जानते तक नहीं थे। आरोपित से उनका कोई सरोकार नहीं रहा। पति ने भूखंड की किसी के नाम कोई वसीयत नहीं की थी। उक्त भूखंड की वह वारिस है। परिवार को फर्जीवाड़े का पता आठ दिसंबर 2021 को चला। जब आरोपित भूखंड पर नींव की खोदाई करने पहुंचे।इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही के अनुसार मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना की जा रही है।