Saturday, April 27, 2024
उत्तर-प्रदेशचंदौली

चकिया विधायक को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिया बड़ा आश्वासन…..जल्द आकर करेंगे विभागों के मंत्रियों से, पहली बार हुई मुलाकात…….

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

चकिया, चंदौली। विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद चकिया के भाजपा विधायक कैलाश खरवार ने अपने अन्य साथियों व भाजपा जिलाउपाध्यक्ष काशी नाथ सिंह के साथ दिल्ली पहुंचकर भारत सरकार के रक्षामंत्री व चकिया के लाल राजनाथ सिंह से औपचारिक मुलाकात किया। इस दौरान चकिया क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करते हुए मांग किया।

जिसपर विधायक ने बताया कि रक्षामंत्री जी ने आश्वासन दिया है कि जल्द चकिया में आयेंगे, और वहीं से क्षेत्र की समस्या को हल करने के लिए विभिन्न विभागों के माननीय मंत्रियों से वार्ता करेंगे। रक्षामंत्री से मुलाकात करने के दौरान विधायक ने पत्र देते हुए कहा कि चकिया क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। यहां पर छात्रों को उच्च शिक्षा (बीएससी, एमएससी, ला, बीएड) करने के लिए बाहर जाना पड़ता है। स्थानीय सावित्री बाई फूले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एमए में अंग्रेजी व शारीरिक शिक्षा विषय के संचालित करने व (बीएससी, एमएससी, ला, बीएड) को संचालित करने का मान्यता मिल जाने से छात्रों का भविष्य निखरेगा। वहीं इस दौरान विधायक ने चकिया के लचर रोडवेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ ही अन्य जनपदों में बस संचालित करने, जागेश्वर नाथ धाम को पर्यटन, राजदरी, देवदरी, छोटी दरी परना का सुंदरीकरण के बाबत विस्तार से चर्चा किया। इसके साथ ही विधायक ने मांग किया कि जनपद में सेना भर्ती युवाओं के लिए शुरु किया जाए। जिसपर रक्षामंत्री ने आश्वासन दिया कि इसपर निर्णय जल्द लिया जायेगा।वहीं रक्षामंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द से चकिया में आउंगा। वहीं सभी समस्याओं के लिए संबंधित विभागों के मंत्रियों से वार्ता किया जायेगा।

रेलवे लाइन के मुद्दे पर नहीं गई विधायक की याद

चकिया क्षेत्र में समय-समय पर रेलवे लाइन की मांग होती रही। शासन व प्रशासन स्तर पर भी जनप्रतिनिधि मांग करते रहे। लेकिन पहली मुलाकात में विधायक की इस सबसे बड़े मुद्दे पर रक्षामंत्री से नहीं बात हो सकी। चुनाव के दौरान भी यह मुद्दा उठाया था। बतादें कि पूर्व विधायक शारदा प्रसाद ने समय-समय पर रक्षामंत्री व रेलमंत्री से मिलकर रेलवे लाइन परियोजना से चकिया को जोड़ने का मांग किया गया था। जिसपर रेल मंत्रालय द्वारा बीते वर्षो में सर्वे के लिए 30 लाख का बजट स्वीकृत किया गया था। तब से यह मामला ढंडे बस्ते में चला गया है।

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