बाल विवाह कराने पर पुरोहित और मौलवी भी जाएंगे जेल, जान लें कानून के कड़े नियम और कायदे……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
भदोही। अक्षय तृतीया पर होने वाले शादियों व अन्य वैवाहिक कार्यक्रमों पर प्रशासन की नजर है। इस तिथि पर शादियों की धूम रहती है इसी में नाबालिगों का सिंदूरदान हो जाता है। ऐसे में पुरोहित हो या मौलवीए मध्यस्थता कर विवाह तय कराने वाले अगुआ या फिर लग्न मुहुर्त तय होने के बाद व्यवस्था में लगने वाले अन्य लो शादी कराने, निकाह पढ़वाने जा रहे हो तो वर व वधु के उम्र की अच्छी तरह से जांच.परख कर लें।
यदि वर की 21 व वधु की उम्र 18 वर्ष से नीचे हुई तो फिर खामख्वाह अगुआ ले लेकर पिछुआ तक सभी को बाल विवाह कराने जैसे संज्ञेय अपराध के आरोप में जेल की हवा खानी पड़ सकती है। जुर्माना भरेंगे अलग से। तीन मई को पड़ रही अक्षय तृतीया के शुभ मुहुर्त लगन के मौके पर जिले में लगभग 600 शादियां होने जा रही है। ऐसे में एक ओर शादी की तारीख तय कर चुके परिवार जहां व्यवस्था को लेकर लोग तैयारी मे जुटे हैं। वहीं प्रशासन भी नजर रख रहा है कि कहीं बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। 21 व 18 वर्ष से कम उम्र के वर.वधु की जानकारी लेने की कोशिश में लगा है। ताकि ऐसी शादियों को रोका जा सके। इसके साथ ही टेंट संचालकों से लेकर कैटरर्स तक को चेतावनी जारी कर दी गई है। वह जहां भी व्यवस्था में जा रहे हों यह जरूर जानकारी कर लें कि वर व वधु दोनों बालिग हैं।