गलती से कचरे के साथ फेंक दिए सोने के कुंडल और लौंग, 50 टन कूड़े में से फिर ढूंढ़ निकाले, पढ़ें क्या है पूरा मामला……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
आगरा। एक कहावत है भूसे के ढेर में सुई ढूंढना यानी वो काम जो मुश्किल हो। पर इस कहावत को एक बहन ने पूरा कर दिखाया और 50 टन कूड़े के ढेर से अपनी बहन के सोने के कुंडल और नाक की लौंग ढूंढ ली। छह घंटे की कड़ी मेहनत के बाद मीठा फल मिला। इस काम में क्षेत्र के ही अंजान व्यक्ति ने इंसानियत की खातिर मदद की और छात्रा को हिम्मत नहीं हारने दी।
आगरा के दयालबाग क्षेत्र में नगला हवेली में दो बहनें रूचि और अनुष्का यादव किराए पर रहती हैं। टूंडला के टीकरी गांव की दोनों बहनें यहां पढ़ रही हैं। रूचि आरबीएस कालेज से बीएड कर रही है तो अनुष्का डीईआइ में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है।
कागज के ढेर के साथ ही फेंक दी आभूषणों की पुडि़या
मंगलवार सुबह रूचि कालेज जाने से पहले अपने कानों के सोने के कुंडल और लौंग को कागज की पुड़िया में लपेटकर बैड पर रखकर चली गई। अनुष्का अपने प्रोजेक्ट के काम में लग गई। बैड पर ही प्रोजेक्ट के लिए कागज काटने और चिपकाने लगी। इसी बीच कचरे की गाड़ी आई तो अनुष्का ने कागज और कूड़ा थैली में बांध कर फेंक दिया। रूचि 11 बजे कालेज से लौटी तो अपने कुंडल और लौंग की पुड़िया ढूंढने लगी। कागज की पुड़िया नहीं मिली तो अनुष्का से पूछा। कागज की पुड़िया नहीं मिली तो याद आया की कहीं कूड़े में तो नहीं चली गई। रूचि को रो.रोकर बुरा हाल हो गया। दोनों बहनें घर से बाहर निकलकर कूड़े की गाड़ी को ढूंढने लगी।