अब हम जिंदगी से हार गए……,इनके सुसाइड नोट के बेहद भावुक अंश पढ़कर नम हो जाएंगी आंखें……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कानपुर। कल्याणपुर थाना क्षेत्र में हास्टल की तीसरी मंंजिल से कूदकर जान देने वाले रंजीत ने बेहद भावुक होकर सुसाइड नोट लिखा था। दो पन्ने के सुसाइड नोट पढ़कर आंखें नम हो जाती हैं। उसने अपनी मौत के लिए अवसाद को कारण बताया है और यह अवसाद नीट में सफलता न मिलने की वजह से पैदा हुआ। मूलरूप से जौनपुर जनपद के खेमापुर आशापुर निवासी अतिबल का पुत्र रंजीत कुमार कानपुर कल्याणपुर के हितकारी नगर पी ब्लॉक में हास्टल में किराये पर रहकर नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी कर रहा था। पुलिस को उसका सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
सुसाइड नोट में रंजीत ने लिखा है…मैं अपनी मौत के लिए स्वयं जिम्मेदार हूं। इसके लिए मुझे किसी ने परेशान या दबाव नहीं डाला है। मैं चार.पांच साल से बहुत ही ज्यादा स्ट्रेस में हूं। अब 20.25 दिन के अंदर इतना ज्यादा स्ट्रेस में हूं कि अपने आपको संभाल नहीं पा रहा हूं। इसके लिए किसी भी व्यक्ति को परेशान न किया जाए। मैं इस जीवन में बहुत घुटन महसूस कर रहा हूं। उसने लिखा… मैं वैसे तो भूत प्रेत आत्माओं जैसे कोई पाखंड को नहीं मानता, लेकिन मैं यह जरूर मानता हूं कि कोई तो ऐसी शक्ति है जिससे पूरा संसार चलता है।
मैं बचपन से चांद.तारों को देखता और उसी के ध्यान में खोया रहता कि कब मैं चांद तारों के पास जाऊंगा और उनके बीच खेलूंगा। मकान से कूदकर उसने आत्महत्या क्योंकि, इसके जवाब में रंजीत लिखता है कि मैं जहर या कोई ऐसे रसायनिक तत्व का उपयोग करके नहीं मरना चाहता। क्योंकि मैं डाक्टर तो नहीं बन पाया लेकिन हो सकता है कि मेरे शरीर के अंग किसी का जीवन बचा सके। मैं डाक्टर से निवेदन करता हूं कि अगर मैं बचने लायक हूं तो भी मुझे मत बचाइएगा, क्योंकि यदि मुझे जीना होता तो मैं ऐसा कर्म क्यों करता।