बसपा, कांग्रेस की दमदारी से भाजपा व गठबंधन प्रत्याशियों की कैसे बढ़ी चुनौती, जानें विस्तार से……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
अलीगढ़। विधानसभा चुनाव का ऊंट किस करवट बैठेगां। यह तो बाद में पता चलेगा। लेकिन राजनैतिक दलों के समीकरण रोज बदल रहे हैं। कुछ समय पूर्व तक हर सीट पर भाजपा और सपा.रालोद गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला होने की बात कही जा रही थी। लेकिन अब बसपा ही नहीं, कांग्रेसी खेमा भी पूरे उत्साह से मैदान में उतरा है। कई सीटें तो ऐसी हैं। जहां बसपा व कांग्रेस प्रत्याशियों ने भाजपा व सपा.रालोद गठबंधन के चुनावी समीकरण ही बदल दिए हैं। इससे उन्हें नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ रही है। किसी सीट पर त्रिकोणीय तो किसी पर चतुष्कोणीय मुकाबला दिखाई देने लगा है।
प्रत्याशी दे रहे टक्कर
चुनाव में भाजपा का फोकस सपा.रालोद गठबंधन को घेरने पर ज्यादा दिख रहा है। ऐसी ही कोशिश गठबंधन प्रत्याशी भी कर रहे हैं। शहर से जफर आलम, कोल से अज्जू इशहाक, अतरौली से वीरेश यादव, छर्रा से प्रीति धनगर, खैर से पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी, बरौली से प्रमोद गौड़ व इगलास से वीरपाल दिवाकर मैदान में उतारे गए। सभी की नजर सपा.रालोद के पारंपरिक वोट के अलावा अपने सजातीय मतदाताओं पर भी है। बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी भी भाजपा और गठबंधन प्रत्याशियों को चुनौती दे रहे हैं। शहर सीट पर बसपा प्रत्याशी रजिया खान व कोल सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक विवेक बंसल भी मुकाबले में हैं। शहर सीट से व कांग्रेस प्रत्याशी सलमान इम्तियाज भी अपने को किसी से कम नहीं मान रहे। बसपा के मो. बिलाल भी कम नहीं है।