चकियाः इसको लेकर सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे यह नेता……लागू करने का किया मांग……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
चकिया, चंदौली। देश में चले अभूतपूर्व किसान ने साल भर पुरा किया। वही आज संविधान दिवस भी हैं। इसलिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। भाजपा के द्वारा हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर हमले के खिलाफ लड़ने का दिन भी हैं। वहीं किसानों के आंदोलन के प्रमुख मांग एमएसपी की कृषि उत्पादों पर कानूनी दर्जा दिलाने और किसानों पर हमला कराने वाले केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी के मांग को लेकर लड़ाई तेज करने भी महत्वपूर्ण दिन हैं। उक्त बातें आज इस मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के केन्द्रीय आह्वान पर सांकेतिक भूख हड़ताल पर मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जहाँ संविधान द्वारा मिले लोकतांत्रिक अधिकार, धर्मनिरपेक्षता, समस्त नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक अधिकारों पर हमला कर रहीं हैं वहीं अल्पसंख्यकों, गरीबों, आदिवासियों पर लगातार हमला कर रहीं हैं। इसलिए आज संविधान दिवस पर संविधान बचाने। संविधान द्वारा मिले अधिकारों के लिए लड़ने का दिन हैं।
उन्होंने कहाँ कि साल भर चले अभूतपूर्व किसान किसान आंदोलन ने 683 किसानों के प्राणों की आहुति या शहादत के बाद केन्द्र की अंहकारी मोदी सरकार को तीनों काले कृषि कानून को वापस लेने के लिए बाध्य किया लेकिन अभी फसलों पर एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने और श्रमिक विरोधी बिल वापस लेने, बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने, अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, किसानों के आंदोलन में किसानों पर लादे गए मुकदमे वापसी, सहित कई किसानों की मांगे लम्बित हैं जिसको पुरा कराने के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा कि इस अभूतपूर्व साल भर से चल रहें आंदोलन में 683 किसानों ने प्राणों की आहूति या शहादत दिया हैं इनके लिए मोदी सरकार को मुआवजा इनके परिवार को पुनर्वास की घोषणा करनी चाहिए और सिंधु मोर्चा में उनके नाम पर स्मारक बनाने के लिए जमीन आवंटित करें।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शतप्रतिशत फसलों की क्रय केन्द्र पर खरीद की गारंटी करने की घोषणा केवल कागजी हैं फसलों को बेचने के लिए किसानों को क्रय क्रेन्द्रो पर भटकना पड़ रहा हैं। इसलिए संविधान को बचाना हैं संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को लेना हैं। किसानों को कोरपोरेट घरानों से मुक्ति लेना हैं तो भाजपा को हराना होगा।