Saturday, April 20, 2024
उत्तर-प्रदेशचंदौली

चंदौलीः यह पूर्व विधायक अपने हाथ से जब काटने लगें खेत में धान, देखने वालों की….. किसानों को पग,पग पर छल रही……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

किसानों का भुगतान करने में शासन.प्रशासन नाकामः मनोज डब्लू

चंदौली। धान खरीद को लेकर सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू मंगलवार को एक बार फिर मुखर नजर आए। उन्होंने खरीद को लेकर सरकार पर कई सवाल खड़े किए। सिवान में धान की कटाई कार्य में लगे सपा नेता मनोज डब्लू ने कहा कि सरकार किसानों को पग.पग पर छल रही है। किसानों की उपज खरीदने वाला कोई नहीं है। यदि उपज बिक भी जाय तो उसका भुगतान किसानों को करने में सरकार आनाकानी कर रही है। आज जिले की स्थिति यह है कि 2019 में धान में बेचने वाले किसानों का भुगतान नहीं हो पाया है। जबकि यह मामला जिले के डीएमए,एडीएम एवं डिप्टी आरएमओ के संज्ञान में बावजूद इसके किसानों का भुगतान लंबित रखा गया है।

उन्होंने कहा कि सरकारी दावों के मुताबिक जनपद में धान खरीद केन्द्रों को क्रियाशील कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर धान की कटाई भी जोरों पर हो रही है। लेकिन खरीद को लेकर लापरवाही व संवेदनहीनता अभी से दिखने लगी है। जिले में 2019 से लेकर अब तक किसानों के धान खरीद का भुगतान लंबित है। कुछ किसान अपनी पीड़ा लेकर मुझ तक आए तो इस अतिसंवेदनशील मुद्दे को डीएमए एडीएम व जिला विपणन अधिकारी के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद संबंधित किसानों को मिल वाले 1600 रुपये प्रति कुंतल के खिलाफ से हिसाब करा लेने की बात कह रहे हैं। जबकि किसानों ने 1835 रुपये प्रति कुंतल की दर से धान बेचा था। एक तरफ जिलाधिकारी द्वारा उक्त मामले में एफआईआर की बात कही जा रही हैए वहीं दूसरी ओर मिल संचालक किसानों पर कम पैसे पर भुगतान लेने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों से खेती.किसानी की लागत चौगुनी हो गयी। लेकिन आज भी मुनाफा दो गुना नहीं हो पाया। सरकार अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पायी कि वह किन योजनाओं व नीतियों को अमल में लाकर किसानों की आय दोगुनी करने वाली थी। इनके बाद किसानों के लिए न तो उचित मार्केट उपलब्ध कराने की सुविधा है ना ही उचित संसाधन व सुविधाएं देने का माद्दा है। इस दौरान वह खुद श्रमिकों संग सिवान में अपनी धान की फसल काटते नजर आए और साथ ही साथ भाजपा सरकार को किसान विरोधी करार दिया।

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