यूपी के इस जनपद में कोरोना जांच के नाम पर शासन को दिया जा रहा धोखा, बर्बाद हो रहे लाखों……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
बरेली। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के नाम पर जिले में फर्जीवाड़ा हो रहा है। शासन द्वारा लाखों रुपये खर्च कर कोरोना की सैंपलिंग कराई जा रही है। लेकिन जिले में सैंपलिंग के नाम पर शासन को धोखा दिया जा रहा है। प्रतिदिन दो हजार और इससे अधिक सैंपलिंग किए जाने का दावा कर रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। लेकिन यह किसी छलावा से कम नहीं है। दैनिक जागरण ने गुरुवार को इसकी हकीकत जानने की कोशिश की तो सच सामने आया। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी थ्रोट स्वैब को बिना किसी व्यक्ति पर इस्तेमाल किए ही तोड़ कर वीटीएम वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम में डाल आरटीपीसीआर जांच के लिए भेज रहे हैं। आरटीपीसीआर जांच के यह हालात हैं। तो एंटीजन किट से जांच की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं। जिले में फर्जी सैंपलिंग कर सरकार के लाखों रुपये को बर्बाद किया जा रहा है।
जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रतिदिन कोरोना की जांच कराई जा रही हैं। कोरोना जांच के नोडल अधिकारी कौशल गुप्ता का दावा है कि प्रतिदिन जिला पुरुष अस्पताल समेत जिले भर के सीएचसी, पीएचसी पर जांच हो रही हैं। इसके अलावा शहर के प्रमुख स्थानों और नगर पंचायतों में टीम को भेज कर जगह जगह शिविर लगाकर जांच की जा रही है। गुरुवार को शहर में इसकी पड़ताल करने के लिए निकले तो रोडवेज पर बैठने वाली विभाग की टीम नजर नहीं आई। पूछने पर पता चला वह आए थे। लेकिन कोई जांच कराने नहीं आया तो टीम चली गई। इसके बाद दातागंज तिराहे पर पहुंचे। जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद थी। कुछ देर इंतजार करने पर देखा कि कोविड जांच के लिए कोई आमजन रुचि ही नहीं दिखा रहा है। टीम किसी से कहती भी तो लोग मना कर देते।