Friday, April 19, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

सीएम योगी का निर्देश बना अधिकारियों के लिए चुनौती, दिया अल्‍टीमेटम, जानिए क्‍या है मामला…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

अलीगढ़। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शपथ के साथ ही सबसे पहले प्रदेश की सड़कों को ठीक करने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने एक महीने के भीतर सड़कों को गड्ढा मुक्त के निर्देश दिए थे। एक बार फिर जिले की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। दो महीने का इस बार समय दिया गया है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के सामने समस्या है कि बारिश अभी दो दिन पहले थमी है। ऐसे में उन्हें समय नहीं मिल पा रहा है। इसलिए सड़कों को गड्डा मुक्त करना बड़ी चुनौती है।

15 नवंबर तक का अल्‍टीमेटम

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2017 में कुर्सी संभालते ही सबसे पहले प्रदेश की सड़कों को गड्डा मुक्त के निर्देश दिए थे। इससे पूरे देश की नजर सीएम की ओर टिक गईं थीं। क्योंकि सभी समझ रहे थे कि कम समय में कैसे सड़कें गड्ढा मुक्त हो पाएंगी। क्योंकि सपा की सरकार में प्रदेश की सड़कों की स्थिति काफी हद तक जर्जर थीं। मगर, सीएम योगी आदित्यनाथ के दृढ़ विश्वास से सड़कें गड्ढा मुक्त हो गई थीं। दो दिन पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सूबे की सड़कों को गड्ढा मुक्त के निर्देश दिए हैं। अलीगढ़ में एक कार्यक्रम में आए डिप्‍टी चीफ मिनिस्‍टर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि हरहाल में 15 नवंबर तक सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएं। मंत्री के निर्देश के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी योजना में लग गए हैं। मुख्य अभियंता पीडब्लयूडीए एमएच सिद्दीकी ने कहा कि मंडल में सभी अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दे दिया गया है। वह प्रस्ताव बनाकर दो दिनों के भीतर भेज देंगे। प्रस्ताव में किन.किन स्थानों पर गड्ढे हैं। कितने स्थानों पर सड़क का निर्माण कराना पड़ेगा। कुल कितने किमी सड़कों पर गड्ढे हैं। यह शामिल किया जाएगा। अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और जेई को मौके पर निरीक्षण के भी निर्देश दिए गए हैं उनसे कहा गया है कि मंडल में कहीं भी कोई सड़क न छूटे। जिन स्थान पर भी गड्ढे हों, उसे चिन्हित करके भरने का काम किया जाए। सिद्दीकी ने बताया कि दो महीने का समय है। इतने समय में हम गड्ढे भर लेंगे, जनता को किसी भी तरह से परेशान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले की अपेक्षा सड़कों की स्थिति काफी सुधरी है। पहले सड़कों पर काफी गड्ढे बने होते थे इससे सड़कें जर्जर हो जाती थीं। गड्ढा मुक्त अभियान न चलने से एक से दो किमी तक सड़कों पर गड्ढे बने रहते थे। अब बहुत कम देखने को ऐसा मिलता है।

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