पानी से घिरे मकान में तड़प रही प्यास, कम होते जलस्तर संग बढ़ी दुश्वारियां……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। गंगा व उसकी सहायक नदियों में आई बाढ़ में प्रभावित लोगों के लिए हर दिन संघर्ष भरा है। जिंदगी के लिए जद्दोजहद इस कदर हो रही है कि अहसास मात्र से ही दर्द कलेजे को चाक कर दे रहा है। विषम हालात को यूं समझिए कि सारा समंदर मेरे पास है और एक बूंद पानी मेरी प्यास है…..। बाढ़ के पानी से घिरे मकानों, घरों में ठौर लिए लोगों की यही हकीकत है। पानी की एक.एक बूंद के लिए प्यासे तड़प रहे हैं। इसका अंदाजा नगर निगम प्रशासन को उस वक्त लगा जब शुक्रवार को महापौर मृदुला जायसवाल ने अफसरों के साथ राहत सामग्री वितरित करने के लिए बाढ़ क्षेत्र में पहुंचीं।
कोनिया इलाके में घिरे मकानों से एक ही आवाज आ रही थी.जनाब पानी है तो दे दीजिए….। आवाज सुनकर अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा घर के पास पहुंचे। तीन नावों में सवार उप सभापति नरसिंह दास, पार्षद शिवप्रकाश मौर्या, श्याम आसरे मौर्या, सुरेश चौरसिया, रोहित मौर्या, पूर्व पार्षद शोभनाथ, अजय गुप्ता, अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा, जोनल स्वास्थ्य अधिकारी रामसकल यादव आदि के सहयोग से 20 लीटर की क्षमता वाले पानी का केन दिया। राहत सामग्री देनी चाही तो घर वालों ने मना कर दिया। कहा कि खाने.पीने के लिए कई संस्था व राजस्व विभाग के लोग पहुंचा देते हैं लेकिन कोई पानी की कमी को नहीं दूर कर रहा। तीन दिन से प्यासा हूं। थोड़ा सा पानी है जिसे बूंद.बूंद कर घर के सदस्य पी रहे हैं। श्रीमान यदि पानी का केन और हो तो उपलब्ध करा दें। बड़ी कृपा होगी। बाढ़ प्रभावित लोगों की बातें महापौर तक पहुंचीं। उन्होंने नगर आयुक्त प्रवण सिंह से बात की। तय हुआ कि बाढ़ पीडि़तों के लिए पानी का इंतजाम नगर निगम प्रशासन करेगा। महापौर कोनिया व सरैयां में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री के साथ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई। करीब एक सौ पानी के केन की आपूर्ति की गई। 150 लोगों को राहत सामग्री दी।