यहां यह बनी आफत, 129 की गई जान, कई घर तबाह, अभी भी मलबे में दबे हैं लोग……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश का कहर के चलते दो दिनों में 129 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण रायगढ़, रत्नागिरी एवं सतारा में हुई इन घटनाओं में कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। कई मकान तबाह हो चुके हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज दोपहर 12 बजे हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित महाड़ के लिए रवाना होंगे। वह अपनी यात्रा के दौरान बाढ़ प्रभावित तलाई गांव का भी दौरा करेंगे। एनडीआरएफ ;राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीम रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित निचले चिपलूण इलाके में बचाव और राहत अभियान चला रही है। भारी बारिश के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं एनडीआरएफ लोगों के बीच भोजन वितरित कर रही है।
भारी बारिश के कारण सांगली जिले के तंदुलवाड़ी गांव में बाढ़ आ गई है। बचाव और राहत कार्य जारी है राज्य में बाढ़ से 76 लोगों की मौत हो चुकी है।
राहत एवं पुनर्वास विभाग के मुताबिक बाढ़ से 76 लोगों और 75 जानवरों की मौत हो चुकी है। कुल 38 लोग घायल हुए और 30 लोग लापता हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से 90,000 लोगों को निकाला गया है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को फोन किया और राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण जान.माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की। राज्यपाल ने उन्हें स्थिति की जानकारी देते हुए किए जा रहे बचाव और राहत कार्यों से अवगत कराया।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तलाई गांव में कल लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने से कई मकान तबाह हो गए। एक निवासी अंकिता ने बताया मेरा घर बह गया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। लोगों ने नए घर बनाए थे और उनके लिए कर्ज लिया था। सब कुछ तबाह हो गया।
जिला कलेक्टर निधि चौधरी के अनुसार महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन के कारण दो अलग.अलग घटनाओं में कुल 44 लोगों की मौत हो गई है जबकि 25 से ज्यादा लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। 35 लोगों का इलाज चल रहा है । बता दें कि रायगढ़ में छह स्थानों पर भूस्खलन हुआ है।