महिला ने लेखपाल पर लगाया पचास हजार रिश्वत मांगने का आरोप, तहसीलदार बोले.मामले की जानकारी नहीं…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
अमेठी। जिला पंचायत राज अधिकारी के रिश्वत कांड में रंगे हाथ पकड़े जाने से प्रशासन की हुई किरकिरी के बाद भी भ्रष्ट सिस्टम सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों ने दागी मातहतों पर शिकंजा कसने की मुहिम चलाने की पहल नहीं की। जिससे घूसखोर कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं। ताजा मामला तिलोई तहसील के कुकहा रामपुर का है। जहां तैनात लेखपाल पर दलित महिला ने पचास हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है। आरोपित कर्मी के खिलाफ कार्यवाही के बजाय जिम्मेदार अधिकारी प्रकरण से पल्ला झाड़ रहे है।
जिला पंचायत राज अधिकारी का रिश्वत कांड अभी ठंडा भी नही हुआ था कि तिलोई तहसील में तैनात लेखपाल पर पचास हजार रुपये की रिश्वत मांगने के लगे आरोपों ने एक बार फिर प्रशासन को बदनामी के कठघरे में खड़ा कर दिया है। जिसे लेकर चर्चाओ का बाज़ार गरम हो गया है। पूरे मोती मजरे शाहमऊ निवासिनी गंगा देई पत्नी जयशंकर ने उच्चाधिकारियों को दिए गये शिकायतीपत्र में आरोप लगाया हैकि हल्का लेखपाल रविकांत यादव ने विपक्षियों के साथ मिलकर उसकी बनी पैत्रक दीवार ढहवा दिया।
महिला को अपमानित भी किया। जबकि पीड़िता ने संक्रमणीय भूमि में दीवार बनी होने की बात कही है। आरोप है कि लेखपाल ने दीवार बनवाने के एवज में पचास हजार रुपये की मांग की। यह प्रकरण उच्चाधिकारियों से लेकर इंटरनेट मीडिया में गूंज रहा है । फिर भी तहसीलदार इस गम्भीर मामले से अंजान बने हुए हैं। जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भ्रष्ट मातहतों पर बड़े अधिकारी कितना मेहरबान है।
लेखपाल ने आरोपों को बताया बेबुनियादः आरोपित लेखपाल रविकांत यादव ने बताया कि पीड़िता के विवादित प्रकरण की वह जांच करने जरुर गए थे। लेकिन दीवार ढहाने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। लेखपाल ने रिश्वत मांगने के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।