इस सेना की आलोचना करने वाले पत्रकार पर जानलेवा हमला, अराजकता पर उठ रहे सवाल…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सेना और सशस्त्र बलों के काले कारनामों को सामने लाने वाले पत्रकार की घर में घुसकर हत्या करने का प्रयास किया गया। हमलावर उसको मरणासन्न स्थिति में छोड़कर चले गए। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है। पत्रकार जगत में जबर्दस्त रोष है। पत्रकार असद अली तूर ने पिछले दिनों पाक की दुर्दशा को लेकर पाकिस्तान के निर्माण पर ही सवाल उठा दिया था। तूर की पहचान सरकारी एजेंसियों के अत्याचारों को उजागर करने वाले पत्रकार के रूप में है। वह ब्लागर और यू ट्यूबर हैं।
इससे पहले प्रशासन ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था बाद में लाहौर हाई कोर्ट से उन्हें राहत मिली । पिछले साल जुलाई में पत्रकार तूर को अगवा कर लिया गया और कई दिन यातना देने के बाद सुनसान स्थान पर छोड़ दिया गया । तूर पर हमले के वीडियो अब इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहे हैं। इस घटना की पाक के मानवाधिकार आयोग ने ट्वीट करते हुए कड़ी आलोचना की है। पीएमएल.नवाज की नेता मरयम नवाज ने भी इस घटना पर रोष जताया है। ज्ञात हो कि पाक में पिछले वर्षो में 139 पत्रकारों को इसी तरह से मारा जा चुका है। इनमें कई विदेशी पत्रकार भी हैं।
अमेरिकी एजेंसियों ने पाक कारोबारी से की थी दाऊद के बारे में पूछताछ
अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन डीईए और सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी सीआइए ने लाहौर के स्वर्ण कारोबारी मुहम्मद आसिफ हाफिज से भगो़़डे डान दाऊद इब्राहिम के ठिकाने के बारे में पूछताछ की थी। दाऊद को संयुक्त राष्ट्र संघ भी आतंकवादी घोषित कर चुका है। हाफिज के वकीलों ने यूके हाई कोर्ट आफ जस्टिस को सौंपे गए दस्तावेज में दावा किया है कि डीईए और सीआइए के एजेंट 2014 से 2017 के बीच हाफिज से दुबई में मिले थे। इस दौरान उन्होंने दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई बम धमाके तोरा बोरा तालिबान और दाऊद के तत्कालीन ठिकाने के बारे में पूछताछ की थी। द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार अमेरिकी एजेंटों ने अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम का पता लगाने के लिए पाकिस्तानी स्वर्ण कारोबारी से मदद मांगी।