यूपी में अब शादी का पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य, गलत जानकारी दी तो होगी इतने वर्ष तक की सजा….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। अन्य राज्यों की तरह अब उत्तर प्रदेश में भी विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। राज्य विधि आयोग ने इसका मसौदा तैयार किया है। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। जिस पर विचार के बाद सरकार अधिनियम लागू करेगी। आयोग ने विवाह पंजीकरण का प्रोफॉर्मा भी तैयार किया है। जिसके तहत गलत अथवा झूठी सूचनाएं देने वालों के लिए दो साल तक की सजा व 10 हजार रुपये तक जुर्माने की अहम सिफारिश भी शामिल है। साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली लागू किए जाने व विवाह पंजीकरण से जुड़ी सभी सूचनाएं वेब पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाने की सिफारिश की गई है।
राज्य विधि आयोग के मसौदे में शादी के बाद विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही गई है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही सभी राज्यों में कानून बनाकर विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य रूप से लागू कराए जाने का निर्देश दे चुका है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में इसे लेकर मामला चल रहा है।
कई राज्यों में विवाह के पंजीकरण के लिए कानून वर्तमान में राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, पंजाब, मेघायलय, तमिलनाडु, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली व उत्तराखंड में विवाह के अनिवार्य पंजीकरण को लेकर कानून बन चुका है। आयोग ने इन राज्यों के कानून का अध्ययन करने के अलावा अंतराष्ट्रीय स्तर पर लागू कानूनों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का गहन अध्ययन करने के बाद प्रस्तावित विधेयक का प्रारूप राज्य सरकार को सौंपा है।
बाल विवाह पर भी लगेगा अंकुश राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएन मित्तल की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में अनेक ऐसे मामले सामने आ रहे है। जहां दांपत्य संबंधी विवाद होने पर पुरुष महिला को अपनी पत्नी मानने से ही इनकार कर देता है। इससे महिला भरण पोषण संपत्ति में हिस्से से वंचित हो जाती है और उसे घरेलू हिंसा का शिकार भी होना पड़ता है। विवाह पंजीकरण के अनिवार्य होने से ऐसा नहीं होगा और बाल विवाह पर भी अंकुश लगेगा।