Friday, April 19, 2024
उत्तर-प्रदेशबरेली

इंसानियत का अंतिम संस्कार, कोरोना संक्रमित होने पर मकान मालिक ने निकाला, एक ही चिता पर जले मां.बेटे के शव….

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

बरेली। कोरोना संक्रमित होने के बाद जब फरीदपुर के मां.बेटे को इलाज के साथ मानसिक सुकून की जरूरत थी। तब उन्हें दुत्कार मिली। मानवता कुछ यूं शर्मसार हुई कि मकान मालिक ने दोनों के इलाज की चिंता करने की बजाए घर से निकाल दिया। भले इस वाकये के कुछ देर बाद मां.बेटे की मौत हुई हो और दोनों का शव श्मशान घाट की एक ही चिता पर हुआ हो। लेकिन हकीकत में इंसानियत का अंतिम संस्कार इन दोनों की मौत से काफी पहले हो गया था। इसके अलावा जिले में आठ अन्य संक्रमित समेत दस लोगों की कोरोना से मौत हुई। हालांकि सरकारी दस्तावेजों में मौत कम दर्ज हुई हैं।

फरीदपुर कस्बे में रहने वाले रोहताश गुप्ता मूल रूप से ग्राम खटेली के निवासी थे। बचपन में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया। मां ने कड़ी मेहनत से रोहताश व उनकी बहन को पाला। रोहताश घर में बड़े थे। बाद में परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गईं। वह ट्यूशन पढ़ाकर परिवार का पालन पोषण करने लगे। जब गुजारा नहीं चला, तब उन्होंने बरेली के मुहल्ला सुभाष नगर में बाजपेई स्वीट्स पर भी काम किया।

चाचा, ताऊ आदि रिश्तेदारों से कोई सहारा नहीं मिला। कर्जे का बोझ बढ़ा तो गांव की अधिकांश जमीन व मकान बिक गया। सिर्फ दो बीघा जमीन बची थी। जिससे मां का खर्च चल रहा था। मां को विधवा पेंशन मिलती थी। जिससे कुछ मदद मिल जाती थी। रोहताश परिवार के साथ 15 साल से मुहल्ला बक्सरिया में किराये के मकान में रह रहे थे। वह किसी तरह परिवार गाड़ी को खींच रहे थे। कुछ दिन पहले वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *