चकिया में पहली बार यहां आयोजित हुआ 7 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला….. पहुंचे यहां के पूर्व, 69 ने किया
कोविड-19 महामारी ने पूरे विश्व में पहुंचाई बहुत क्षति-प्रोफेसर दिलीप कुमार
सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
चकिया, चंदौली।
नगर स्थित सावित्री बाई फूले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उच्च शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश की ओर से महाविद्यालय ने शारीरिक शिक्षा व योग कोविड-19 के विशेष संदर्भ में सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। जिसका शुभारंभ शुक्रवार को लक्ष्मी बाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा डीम्ड विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर दिलीप कुमार दुरेहा ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में कोरोना महामारी पर विस्तृत चर्चा किया गया।
कार्यशाला के शुभारंभ के दौरान संबोधित करते हुए पूर्व कुलपति ने कहा कि कोविड 19 महामारी ने पूरे विश्व में बहुत क्षति पहुंचाई है। लाखों लोगों ने इस भयानक अपदा में अपनी जान गवाएं हैं। इसको भूला पाना काफी कठिन है। लेकिन इस आपदा के दौरान इसके बचाव में जो भी कदम उठाए गए थे, या उठाए जा रहे हैं वे काफी सराहनीय कार्य है। सभी लोग जब तक इस महामारी का जड़ से खात्मा नहीं होता है तब तक मास्क व दो गज की दूरी का बराबर ख्याल रखें। सतर्कता ही सबसे ज्यादा जरुरी है। इस संकट के दौरान सभी देशों की निगाहें हमारे देश पर थी। कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाहों में न आएं निर्भिक होकर टीका लगवायें। इस संकट के दौरान लोगों ने आयुर्वेद पद्धति पर गर्म पानी, काढ़ा का सेवन व घरों में रहकर योग करके अपने इम्युनिटी क्षमता को मजबूत किया।
वहीं काशी हिन्दू विश्व विद्यालय के विशिष्ठ अतिथि प्रोफेसर अभिमन्यु सिंह ने दो गज की दूरी का पालन करने, बार बार साबुन से हाथ धोने घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाने तथा सार्वजनिक स्थान पर नहीं थूकने के संदेश को जन जन तक प्रसारित करने पर जोर दिया। कहा कि खान-पान व स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देना होगा। यह एक ऐसा संकट आया जिससे लोग पूरी तरह से सहम गए। इसने पूरे विश्व में लाखों लोगों को अपने चपेट में लिया। इस दौरान लोगों की शारीरिक दूरी व आपसी सहयोग काफी हद तक काम आया। कोई भूखा न रहे इसका भी लोगों ने संकट के दौरान विशेष ख्याल रखा।
इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय योग सागर कन्नौजिया ने अपने योग कौशल का प्रदर्शन किया। कार्यशाला के प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता हरिश्चंद्रा पीजी कालेज के एसोशिएट प्रोफेसर डा. संजय कुमार सिंह रहे। इस दौरान कार्यशाला संयोजक डा. सरवन कुमार, डा. प्रियंका पटेल, मिथिलेश कुमार, डा. रमाकांत गौड, डा. श्याम जनम सोनकर, डा. समशेर बहादुर, डा. संतोष कुमार यादव, अनिल कुमार सिंह समेत छात्र छात्राएं उपस्थित रहें। कार्यक्रम का अध्यक्षता प्राचार्या डा. संगीता सिन्हा व संचालन डा. अमिता सिंह ने किया।