चकियाः सरकारी धान खरीद की फर्जीवाडें की जॉच हो- अजय राय
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
धान क्रय केन्द्रों पर किसानों के धान खरीद के बकाया का तत्काल भुगतान होःमजदूर किसान मंच
चकिया, चंदौली। सरकार की किसान विरोधी नीति ने किसानों को तबाह कर दिया है सरकार व चन्दौली प्रशासन चाहे जो दावा करे लेकिन धान क्रय केंद्रों पर किसानों के धान खरीद में तो जहाँ अपने लक्ष्य के पुरा करने मे असफल ही रही हैं। चर्चा तो यह हैं कि किसानों के धान खरीद में भी भंयकर फर्जी वाड़ा किया भी किया गया हैं। कई बार राम लक्ष्मणपुर सहित कई क्रय केन्द्र की किसानों की धान क्रय की फर्जी वाड़े की जांच का सवाल उठाने पर भी अभी तक जांच नहीं शुरू हुआ हैं! किसानों के खरीद का भुगतान के मामले में भी कई क्रय केन्द्रों पर किसानों को दौड़ाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है वही अधिकरियों के कृपा पात्र से खुली धान खरीद के लिए लगी निजी एजेंसियों ने किसानों की धान खरीद में कोई नहीं है रूचि, कई क्रय केन्द्र पर तो एक भी किसानों का धान नहीं खरीदा गया हैं उक्त आरोप चन्दौली जनपद के कई क्रय केन्द्र का दौरा करने व किसानों से बात करने के बाद मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने लगाया हैं।
उन्होंने कहा कि धान खरीद जहाँ ज्यादातर सत्ता में पहुँच रखने वाले किसान व विचौलियो का धान खरीद कर किसानों के धान खरीद का कागजी आंकड़ा तो पुरा करने की कोशिश है वही बहुत सारे किसानों को अपना धान क्रय केन्द्र की जगह विचौलियों व आढ़तियों को बेचने के लिए विवश होना पड़ा है ।
जिले के घोषित केंद्रों पर किसानों का करोड़ो रुपया बकाया भी चल रहा है। उनमें से कई क्रय केंद्र हैं जिन पर कई करोड़ की देनदारी है!
जिले में अपनी धान बिक्री को लेकर हजारों किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके जबकि सैकड़ों किसान ही अपना धान बेच पाये । और सरकार व प्रशासन द्वारा धान खरीद का समय व लक्ष्य भी पुरा हो गया हैं उसमें भी एक बड़ा वह किसानों का भी संख्या है जो किसानों से आढ़तियों ने औने पौने दाम पर धान खरीद कर उनका खसरा खतौनी व बैंक के पास बुक का कागज लगा दिए हैं अब ये सब किसान भुगतान को केंद्रों और जिला पर चक्कर लगा रहे हैं।
सरकार ने प्रत्येक क्रय केंद्रों पर कुछ किसानों की धान खरीद कर भुगतान हुआ आवक धान का चावल एफसीआइ को देकर भुगतान लेना होता है।।अधिकारी
डिप्टी आरएमओ अनूप श्रीवास्तव से भुगतान के सबाल पर कहते है कि पैसा भेजने के लिए डीएम ने पत्र लिखा हुआ है। अन्य खरीद एजेंसियों को भी समय से एफसीआई को चावल देने के लिए कहा गया। ताकि किसानों का समय से भुगतान हो जाए। अगर एक सप्ताह के अन्दर किसानों का धान का पैसा का भुगतान नही हुआ तो तो आंदोलन करने के लिए हम बाध्य होंगे।