शबनम की दया याचिका प्रमुख सचिव न्याय और जिला जज को भेजी, कुछ दिन के लिए टल सकती है फांसी…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मुरादाबाद। प्रेमी संग परिवार के सात लोगों को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतारने वाली बावनखेड़ी गांव निवासी शबनम की फांसी कुछ दिन के लिए टल सकती है। आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को फांसी होने का मामला मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दो अधिवक्ता उसकी पैरवी में आए हैं। उन्होंने शबनम की तरफ से राष्ट्रपति को नए सिरे से फांसी माफी करने के लिए दया याचिका भेजी है। शुक्रवार को रामपुर जेल प्रशासन ने प्रमुख सचिव न्याय लखनऊ और जिला जज अमरोहा को फ्रेश दया याचिका भेज दी है। दो स्पेशल मैसेंजर के जरिए यह पैगाम पहुंचाया गया है।
कुल्हाड़ी से काटकर पूरे परिवार का बेरहमी से कत्ल करने वाली शबनम, जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है। आजादी के बाद वह पहली महिला हैए जिसे फांसी होने वाली है। महिला बैरक में शबनम, फांसी के दिन गिन रही है। सुप्रीम कोर्ट से उसकी पुनर्विचार याचिका खारिज हो चुकी है। राष्ट्रपति द्वारा भी उसकी दया याचिका एक बार खारिज की जा चुकी है।
इसके बाद मथुरा जेल में शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी पर लटकाने की तैयारियां चल रही हैं। मामला मीडिया में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दो वकील शबनम के पक्ष में आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के जरिये शबनम ने एक बार फिर राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी है। गुरुवार को शबनम की दया याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट के दो अधिवक्ताओं श्रेया रस्तोगी और विवेक जैन ने रामपुर जिला कारागार के जेल अधीक्षक पीडी सलौनिया से मुलाकात की थी। अधिवक्ताओं ने शबनम की दया याचिका उन्हेंं सौंपी दी है। जेल अधीक्षक ने बताया कि शबनम की याचिका राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजी जाएगी। यहां से याचिका स्पेशल मैसेंजर के जरिए प्रमुख सचिव न्याय लखनऊ और जिला जज अमरोहा को भिजवा दी गई है।