Thursday, May 15, 2025
मध्य-प्रदेश

प्रदेश सरकार के मंत्री पर दर्ज हुआ मुकदमा, कहा था कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन………लिया संज्ञान, कड़ा आदेश पर दर्ज हुआ

मध्यप्रदेश, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश के बाद इंदौर के मानपुर पुलिस थाने में प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उनके खिलाफ यह मामला कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर दर्ज किया गया है. इंदौर पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर जानकारी देते हुए बताया कि 12 मई को ग्राम रायकुंडा, थाना मानपुर, जिला इंदौर (ग्रामीण) में आयोजित एक कार्यक्रम में विजय शाह ने आम सभा को संबोधित किया था. इस दौरान ही उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर टिप्पणी की थी, उनके संबोधन के कुछ अंश प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक और सोशल मीडिया पर वायरल हुए।

हाईकोर्ट, जबलपुर ने इस मामले में स्वमेव संज्ञान लेते हुए 14. मई 2025 को आदेश पारित किया. आदेश के परिपालन में थाना मानपुर में मंत्री विजय शाह के विरुद्ध अपराध 188/2025 धारा 152, 196(1)(ख), 197(1)(ग) बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

वहीं, एफआईआर दर्ज होने के बाद एक बार फिर मंत्री विजय शाह ने वीडियो जारी कर माफी मांगी है और सोफिया कुरैशी को अपनी बहन बताया है. 1 मिनट 13 सेकंड की वीडियो में मंत्री विजय शाह ने कहा कि ” मैं विजय शाह, हाल ही में मेरे द्वारा दिए गए एक बयान से अगर किसी भी समाज की भावना आहत हुई है, तो इसके लिए मैं दिल से न सिर्फ शर्मिंदा हूं बल्कि अत्यंत दुखी भी हूं और सभी से माफी चाहता हूं. हमारे देश की वो बहन, सौफिया कुरैशी, जिन्होंने राष्ट्र धर्म निभाते हुए जाति और समाज से ऊपर उठकर जो कार्य किया है, उन्हें हमारी सगी बहन से भी ऊपर सम्मानित मानता हूं।

मंत्री ने क्या बयान दिया था?

मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक संबोधन में टिप्पणी की थी जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को उन आतंकवादियों की बहन बताया था, जिन्होंने पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या की थी. यही नहीं, मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी व्यंग्य कसते हुए कहा था कि उन्होंने आतंकवादियों की बहन को सेना में भेजा है. अब कोर्ट ने मंत्री की भाषा को गटर की भाषा (sewer language) करार दिया है. कहा कि यह न सिर्फ एक महिला अधिकारी का अपमान है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला काम है।

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