जिले में पहली बार हिट एंड रन केस में पीड़ित को मुआवजा……चकिया कोतवाली के गरला गांव निवासी निरंजन की सड़क हादसे में गई थी जान…..ARTO ने कहा जल्द मिलेगा मुआवजा , 27 जुलाई, 2024 हुआ घटना में
चंदौली । जिले में पहली बार किसी हिट एंड रन मामले में पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलने जा रहा है। मामला चकिया कोतवाली क्षेत्र के गरला गांव निवासी निरंजन मौर्य की सड़क दुर्घटना में हुई मौत से जुड़ा है। बीते 27 जुलाई 2024 को निरंजन मौर्य अकोढ़वा चट्टी के पास रामनगर जाते समय अज्ञात वाहन की चपेट में आ गए थे जिससे गंभीर चोट लगने के कारण मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।
दुर्घटना के बाद मृतक की पत्नी श्यामप्यारी देवी ने न्याय की गुहार लगाते हुए जिलाधिकारी से मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। श्यामप्यारी देवी की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र को गंभीरता से लेते हुए निवर्तमान जिलाधिकारी
ऐसे लाभार्थियों को मिलता है लाभ, ये है दावा प्रक्रिया
हिट एण्ड रन मोटर दुर्घटना में घायल या मृत व्यक्ति। मृत्यु की स्थिति में, कानूनी उत्तराधिकारी। मृत्यु पर दो लाख और गंभीर बोट पर पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता कैशलेस इलाज की सुविधा तय अस्पतालों में मिलती है। पीड़ित परिवार परिवहन विभाग से फॉर्म-1 भरकर दावा जाच अधिकारी को दें। अधिकारी जांच कर फॉर्म-2 के साथ रिपोर्ट जमा करेगा। क्लेम सेटलमेंट कमिशनर द्वारा फॉर्म-3 से मंजूरी मिलती है। इसके बाद 15-45 दिनों में ई-पेमेंट के जरिए भुगतान किया जाता है। जरूस्त के अनुसार फॉर्म-4 के रूप में शपथ पत्र देना आवश्यक हो सकता है।
इन आवश्यक दस्तावेजों की होगी जरूरत
सड़क हादसे में मौत या घायल होने के बाद पीड़ित और पीड़ित परिवार मुआवजे के लिए फॉर्म-1, एफआईआर/पुलिस रिपोर्ट, चिकित्सा या पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ ही पहचान और पता प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक खाता विवरण, क्लेम करने वाले का रिश्ते का प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) तो, इसके साथ ही यदि अन्य मुआवजा लिया गया हो तो फॉर्म-4 जमा करना होगा।
पूर्व जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने परिवहन विभाग को आवश्यक जांच करने और मुआवजा प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। डीएम के निर्देश के क्रम में परिवहन विभाग ने जांच शुरू की। विभाग की लंबी जांच प्रक्रिया के बाद प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दुर्घटना हिट एंड रन की श्रेणी में आता है। जिसमें सभी औपचारिकताएं GG लगभग पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही पीड़ित परिवार को दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह मामला जिले में पहला उदाहरण होगा, जब हिट एंड रन के तहत किसी पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।
इस सम्बन्ध में एआरटीओ डाक्टर सर्वेश गौतम ने कहा कि वाहन चालक की पहचान नहीं हो पाई है। ऐसे मामलों में केंद्र सरकार की योजना के तहत पीड़ित परिवार को दो लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान है। जांच पूरी होने के बाद परिवहन विभाग ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही परिवार को मुआवजा मिलने की उम्मीद है।