पूर्व निदेशक ने किया पुस्तक ‘लॉर्ड स्वामिनारायण’ का हिन्दी अनुवाद……… भगवान स्वामिनारायण, सनातन धर्म की धारा के प्रवर्तक परमात्मा की जीवन गाथा’ नाम से पुस्तक प्रकाशित, संपूर्ण जीवन-गाथा का 32 प्रकरणों में बांट कर किया गया
भगवान स्वामिनारायण के संपूर्ण जीवन पर आधारित पुस्तक ‘लॉर्ड स्वामिनारायण’ का हिन्दी अनुवाद प्रो. दिलीप सिंह ने किया। अनुवादक प्रो. सिंह इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश के लुप्तप्राय भाषा केन्द्र के पूर्व निदेशक हैं। प्रो. सिंह ने बताया कि युक्त पुस्तक हिन्दी में ‘भगवान स्वामिनारायण, सनातन धर्म की धारा के प्रवर्तक परमात्मा की जीवन गाथा’ नाम से प्रकाशित हुई है।
पुस्तक में भगवान स्वामिनारायण के आविर्भाव से लेकर तिरोधान तक की संपूर्ण जीवन-गाथा का 32 प्रकरणों में बांट कर समाहन किया गया है। इस प्रेरक गाथा में भगवान की जीवनयात्रा के सुंदर प्रसंग हैं।
प्रो. सिंह ने कहा कि भारतीय ज्ञान-दर्शन या धर्म-दर्शन के वैदिक काल से ही धर्म के दो स्तंभ- नैतिकता एवं अध्यात्म माने गए हैं। उन्होंने बताया कि मंदिरों का निर्माण, स्त्री-शिक्षण, भूखे-प्यासों की सेवा जैसे प्रकरण तो भगवान स्वामिनारायण की मानवता की भावना से ओतप्रोत आत्मा का दर्पण ही हैं। भगवान के दैवीय जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन को सार्थक एवं समृद्ध बनाने का व्यावहारिक प्रारूप 32 प्रकरणों में विभाजन इस पुस्तक की विशेषता है। प्रो. सिंह ने बताया कि भगवान ने विभिन्न मत- मतांतरों की विवेचना के माध्यम से भारतीय धर्म दर्शन की जो मधुर द्राक्षा तैयार की है उसका भगवदीय स्वाद यह पुस्तक पढ़ कर पाठकों को अवश्य मिलेगा।