मैनपुरी में घटना करहल थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव की है। गांव निवासी सुखराम द्वारा जमीन का बंटवारा नहीं करने की जिद घटना की वजह बनी। सुखराम ने अपनी पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी कर ली थी। पहली पत्नी का पुत्र मनीष बंटवारा चाहता था। पिता द्वारा बंटवारा नहीं करने पर उसने पिता सुखराम, सौतेली मां सुषमा, सौतेले भाई अभिषेक की हत्या कर दी थी।

हत्या के बाद से ही मनीष, उसके रिश्तेदार वीरेंद्र यादव निवासी नगला बसई थाना बकेबर जिला इटावा, कमलेश उर्फ कल्लू निवासी आलमपुर थाना भरथना जिला इटावा जेल में बंद थे। मनीष गवाही देने वालों को धमकाता भी था। तीनों को 28 जनवरी 2022 को एफटीसी द्वितीय जज तरन्नुम खान ने फांसी की सजा सुनाई थी।
बेटी की गवाही पर हुई सजा
सुखराम की बेटी रचना ने अदालत में गवाही दी। गवाही में रचना ने बताया कि सौतेला भाई मनीष पिता की दूसरी शादी के बाद से नाराज था। इसके चलते ही उसने हत्याकांड को रिश्तेदारों की मदद से अंजाम दिया। एफटीसी जज ने निर्णय में लिखा है कि माता पिता की हत्या के बाद सबसे ज्यादा पीड़ित रचना हुई है। रचना को जुर्माना की धनराशि 1.10 लाख रुपये में से 75 प्रतिशत 82500 रुपये रचना को दिया जाएगा।

सजा सुनने के बाद गुमसुम नजर आया सुनील
एफटीसी द्वितीय जज भूलेराम ने निर्णय में लिखा है कि तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले सुनील को तब तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए, जब तक उसकी मौत न हो जाए। निर्णय सुनने के बाद सुनील अदालत में गुमसुम नजर आया। बिना किसी से बात किए वह अदालत से जेल चला गया।

मुख्य आरोपी ने खुद को मारी थी गोली
तत्कालीन अपर जिला जज चतुर्थ तरुण कुमार सिंह की अदालत में छह जनवरी 2020 को तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले मनीष यादव ने कटघरे में खुद को गोली मार ली थी। घटना से कुछ समय पहले ही न्यायाधीश अदालत से अपने चैंबर में गए थे।
गोली पैर में लगने से वह घायल हो गया था। जांच में पता चला कि मनीष की पत्नी सीमा ने उसको तमंचा लाकर दिया था। सीमा मुकदमे की सुनवाई के लिए सुबह ही पेटीकोट में छिपाकर तमंचा लेकर पहुंची थी। पुलिस ने सीमा को थाना करहल के गांव मानिकपुर से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
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