Wednesday, May 1, 2024
उत्तर-प्रदेशगोरखपुर

अंगूठा लगा दो, राशन रविवार को लेना’, योगी के शहर में हो रहा था ये काम; पार्षद ने एक-एक की खोल दी पोल

गोरखपुर। वार्ड नंबर 50 कल्याणपुर में कोटे की दुकान पर राशन न मिलने पर शुक्रवार को हंगामा हो गया। ई पास मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद मशीन पर राशन की तौल तो की जा रही थी पर लाभार्थियों को रविवार को बुलाया जा रहा था। किसी ने इसकी सूचना पार्षद शिवेंद्र मिश्र को दी तो वह भी मौके पर पहुंच गए। पार्षद ने हंगामा किया और जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ निरीक्षक अरुण सिंह को फोन कर पूरी जानकारी दी।

इसके बाद दो आपूर्ति निरीक्षकों को मौके पर भेजा गया। पता चला कि कोटेदार के पास कोई कर्मचारी नहीं है। बगल की कोटे की दुकान से दो कर्मचारियों को बुलाकर राशन का वितरण कराया गया। पार्षद का आरोप है कि प्रति कार्ड चार से पांच किलोग्राम तक राशन कम दिया जा रहा है। शिकायत पर आपूर्ति विभाग के अधिकारी कोटेदारों का ही पक्ष लेते हैं।

कल्याणपुर में कनीज फात्मा के नाम से कोटे की दुकान है। शुक्रवार को लाभार्थी राशन लेने पहुंचे तो ई पास मशीन पर अंगूठा लगाया जाने लगा। अंगूठा लगाने के बाद राशन के लिए रविवार को बुलाने पर लोगों ने नाराजगी जतायी। जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जांच करायी जा रही है। कोटेदार महिला को कैंसर है। शुक्रवार को तौल करने वाला कर्मचारी नहीं आया था।

दूसरी दुकान से कर्मचारियों को तौल के लिए बुलाया गया और राशन का वितरण किया गया। कम राशन मिलने की शिकायत लाभार्थी करें, इसकी जांच करायी जाएगी।  शिकायत के लिए बुलाया कार्यालय कई नागरिकों ने कम राशन मिलने की शिकायत की तो मौके पर मौजूद आपूर्ति निरीक्षकों ने विकास भवन स्थित कार्यालय आने को कहा।

क्यो बोले पार्षद?

इस पर पार्षद ने कहा कि मौके पर सभी शिकायतकर्ता उपस्थित हैं तो विकास भवन बुलाना उचित नहीं है। जो लोग अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी के राशन पर निर्भर हैं वह कैसे विकास भवन पहुंचेंगे। बंद कमरे में होती है तौल पार्षद का आरोप है कि कल्याणपुर की कोटेदार बंद कमरे में तौल करती हैं। नई व्यवस्था में ई पास मशीन और तौल मशीन को एक साथ रखना होता है लेकिन कोटेदार तौल मशीन को एक कमरे में रखती हैं।

यहां तक पहुंचना सबके लिए संभव नहीं है। अंदर प्लास्टिक की बाल्टी में तौल कर राशन बाहर दे दिया जाता है। शुक्रवार को पहुंचे आपूर्ति निरीक्षकों को भी तौल की व्यवस्था देखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसे काम करती है मशीन ई पास मशीन से तौल मशीन जुड़ी होती है। जैसे ही लाभार्थी मशीन पर अंगूठा लगाता है, कार्ड में दर्ज संख्या के आधार पर गेहूं का कुल वजन दिखने लगता है।

इतने वजन का गेहूं तौल मशीन पर रखने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ती है। फिर चावल की मात्रा आती है। अन्त्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड तीन किलोग्राम चीनी भी दी जाती है। यानी अंगूठा लगाने के बाद तौल मशीन पर वजन रखना ही होगा, या तो यह राशन हो या कुछ और। आरोप है कि कोटेदार राशन तो तौल मशीन पर रख देते हैं लेकिन अपने हिसाब से राशन कम कर लाभार्थी को देते हैं।

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