प्रेमी संग मिलकर मां ने ही मासूम बेटे श्रीराम की कराई थी हत्या, एक झटके में खत्म हुआ संसार, अब न बेटा मिलेगा न प्रेमी, न परिवार
प्रतापगढ़। मां तो जीवन देती है, अपने खून-दूध से पोषित करती है, तभी तो मां सर्वश्रेष्ठ है, पर यहां तो मां की परिभाषा ही कलंकित हो गई। नौ महीने गर्भ में रखकर और सात साल तक पालने के बाद उसने तीन महीने पहले बने अवैध संबंधों की खातिर कलेजे के टुकड़े का हत्यारों को सौंप दिया, वह भी अपने हाथों से। उसका पाप चिल्लाया और वह जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गई। उसे अब न बेटा मिलेगा न प्रेमी, न परिवार…।
लच्छीपुर बिहार गांव निवासी कमलेश विश्वकर्मा का सात वर्षीय बेटा अमित विश्वकर्मा अपनी मां अंजू देवी के साथ बुआ के घर जलालपुर श्रीराम विश्वकर्मा शादी में शामिल होने 14 फरवरी को गया था। वहां से वह अचानक गायब हो गया था। पिता कमलेश की आशंका पर पुलिस को अमरेश विश्वकर्मा निवासी ऐबी का पुरवा पूरबनारा होलागढ़ प्रयागराज को चार दिन बाद पकड़ा। पूछताछ अपने तरीके से की तो उसने जो बताया, उसे सुनकर पुलिस भी स्तब्ध रह गई।
बताया कि अमित की मां अंजू देवी से उसका अवैध संबंध था। एक बार उसके साथ रहते हुए बच्चे ने देख लिया था, कहा था कि फिर आए तो पापा से बता देगा। इससे मैं व अंजू दोनों अमित व उसके पिता कमलेश को रास्ते से हटाने की प्लानिंग करने लगे, ताकि कथित अवैध प्रेम संबंध का राज न खुले। इस पर अंजू ने अमरेश को 14 को बुलाया व कहा कि बाप-बेटे दोनों को ठिकाने लगाने का अच्छा मौका है।
लोग कार्यक्रम में व्यस्त रहेंगे तो काम हो जाएगा। इस पर अमरेश जलालपुर गांव पहुंचा। गांव के अपने मित्र अक्षय, करन, सुमित व धीरज को 500 रुपये के एवज में तैयार कर लिया। इसके बाद अंजू अपने बेटे अमित विश्वकर्मा को साथ लेकर सड़क पर आई व अक्षय व करन की मोटरसाइकिल पर बैठाकर घुमाने की बात कही।
पहले से तय प्लान के अनुसार यह लोग भैंसासुर नाले के पीछे बच्चे को ले गए व गला दबाकर हत्या कर दी। शव को नाले के पास गड्ढा खोदकर दिनदहाड़े दफना दिया। राज खुलने पर पुलिस ने शव को खुदवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सीओ सदर अमर नाथ गुप्ता ने दबिश देकर पप्पू उर्फ अमरेश को प्रयागराज से पकड़ा। अंजू देवी, करन गौतम, सुमित विश्वकर्मा, अक्षय सरोज को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि धीरज नहीं मिला।