सपा में संकट: रूठे स्वामी प्रसाद को मनाने की कवायद शुरू, अखिलेश ने इन्हीं सौंपी मामला सुलझाने की जिम्मेदारी
लखनऊ। सपा ने अपने महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने की कवायद शुरू कर दी है। यह जिम्मेदारी पुराने समाजवादी और पूर्व मंत्री रामगोविंद चौधरी ने संभाल ली है। उन्होंने स्वामी प्रसाद का महासचिव बने रहना सपा के हित में बताते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखा है। वहीं, अखिलेश ने भी कहा है कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। जल्द ही समाधान निकल आएगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सपा पर सामाजिक न्याय के सिद्धांत से दूर जाने का आरोप भी लगाया। साथ ही कहा कि महासचिव के पदों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने स्वामी प्रसाद का बचाव करते हुए अखिलेश यादव को पत्र भेजा है।
इसमें उन्होंने लिखा है कि भाजपा सरकार आसमान छू रही मंहगाई और बेरोजगारी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए हिंदू-मुसलमान का पहाड़ा पढ़ रही है। नित नए पाखंड का सहारा ले रही है। सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के इस जहर का मजबूती से प्रतिवाद कर रहे हैं। इसलिए वह भाजपा और संघ के निशाने पर हैं।
रामगोविंद चौधरी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य पिछड़े समाज से आते हैं। अपने जुझारू स्वभाव की वजह से इस समाज में उनका एक विशेष स्थान हैं। उनका पदाधिकारी बने रहना समाजवादी पार्टी के हित में है। इसलिए उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाए।
मुझसे मिले बिना अगला कोई कदम नहीं उठाएंगे स्वामी प्रसाद-रामगोविंद
रामगोविंद चौधरी ने अमर उजाला संवाददाता को बताया, इस बारे में मैंने फोन से स्वामी प्रसाद मौर्य से बात की है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मुझसे मिले बिना वह अगला कोई भी कदम नहीं उठाएंगे। रामगोविंद चौधरी ने यह भी बताया कि वे बुधवार को बलिया में हैं। शीघ्र ही लखनऊ आकर स्वामी प्रसाद से मुलाकात करेंगे।