‘लोकसभा चुनाव में पता चल जाएगा’ राम मंदिर का न्योता ठुकराने पर कांग्रेस के ये नेता भी हुए आलाकमान से नाराज
नई दिल्ली। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण अस्वीकार करने के बाद कांग्रेस के भीतर ही विरोध के सुर अब तेज हो गए हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी इस मुद्दे पर खुलकर बयान दिया है। कांग्रेस के पूर्व विधायक ने न्योता अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेताओं को खरी-खोटी भी सुनाई है।
लक्ष्मण सिंह ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने राम मंदिर का ताला खुलवाया था। उस वक्त वीर बहादुर सिंह यूपी के सीएम थे। तत्कालीन सीएम ने राम मंदिर न्यास को भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए 46 एकड़ जमीन देने का वादा भी किया था। सीएम तब हट गए और राजीव जी की हत्या के बाद ये मामला खटाई में पड़ गया। पूरे देश के साधु-संतों ने इस लड़ाई को लड़ा। कई बुद्धजीवी, पत्रकार और राजनीतिक दल जुड़े, जिन्होंने ये लड़ाई लड़ी वो ही निंमत्रण का फैसला करेंगे।
#WATCH | Bhopal, Madhya Pradesh | Congress MP Digvijaya Singh’s brother and former Congress MLA Lakshman Singh says, “…Those who fought (in Ram Temple movement) will obviously make the decision (regarding pranpratishtha). They have made the decision. As far as invitation is… pic.twitter.com/ZFtZhdJkN7
— ANI (@ANI) January 12, 2024
चुनाव में होगा नुकसान
लक्ष्मण सिंह ने ये भी कहा कि निमंत्रण अस्वीकार किए जाने का असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। उन्होंने आगे कहा, ‘निमंत्रण को अस्वीकार करने का क्या मतलब है। हम क्या संदेश दे रहे हैं। राजीव जी ने ताला खुलावाया था तो आप कौन हैं मना करने वाले। हमारा नेतृत्व पार्टी में इस तरह के सलाहकारों को अगर रखेगा तो क्या कह सकते हैं।’
चुनाव में जैसे परिणाम आ रहे हैं, आगे भी वैसे ही परिणाम आते रहेंगे। जो नुकसान होना था, वो तो हो चुका है, वो चुनाव में दिख जाएगा।
इससे पहले, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद और अर्जुन मोढवाडिया भी फैसले पर नाराजगी जता चुके हैं। मोढवाडिया ने तो ये भी कहा था कि कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था। वहीं, आचार्य ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला कहा था।