शादी के दो महीने के अंदर मायके चली गई थी पत्नी, पति को मिला तलाक
नई दिल्ली। तलाक देने से इन्कार करने के पारिवारिक अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली व्यक्ति की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है।
अदालत ने ये कहते हुए याचिकाकर्ता पति को तलाक की मंजूरी दे दी कि शादी के दो महीने के अंदर ही महिला अपने पति का घर छोड़कर चली गई थी। इसके बाद महिला ने न तो पति के खिलाफ कोई शिकायत दी और न ही हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कोई आवेदन दाखिल किया।
“याचिकाकर्ता पति तलाक का हकदार”
इतना ही नहीं पारिवारिक अदालत के समक्ष भी पति द्वारा लगाए गए आरोपों का विरोध करने के लिए महिला पेश नहीं हुई थी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि तथ्यों व परिस्थतियों को देखते हुए याचिकाकर्ता पति तलाक का हकदार है।
पति ने पारिवारिक अदालत के निर्णय को दी थी चुनौती
साथ ही याचिका को स्वीकार करते हुए पारिवारिक अदालत के निर्णय को रद कर दिया। याचिककार्ता पति ने 22 नवंबर 2022 को तलाक की मंजूरी देने से इन्कार करने के पारिवारिक अदालत के निर्णय को चुनौती दी थी।
अक्टूबर 2015 में हुई थी शादी
याचिकाकर्ता का कहना था कि अक्टूबर 2015 में उनकी शादी हुई थी, लेकिन दो महीने के अंदर ही पत्नी घर से चली गई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि महिला उसे स्वजन से लड़ाई करती थी और उसके दो से तीन लड़कों के साथ संबंध था।
यह भी कहा कि वह संयुक्त परिवार में नहीं रहना चाहती थी और उसकी मां को वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाती थी। हालांकि, क्रूरता के आधार पर तलाक की मंजूरी देने से पारिवारिक अदालत ने इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी थी।