Sunday, April 28, 2024
उत्तर-प्रदेश

प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के भाई व भाभी पर दर्ज होगा मुकदमा, कोर्ट ने दिया आदेश; यह है पूरा मामला

लखनऊ पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

चित्रकूट। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष सिंह पटेल की भाभी ग्राम प्रधान लौरी पुष्पलता सिंह पटेल व भाई अरुण सिंह पटेल उर्फ मुन्ना सिंह के खिलाफ न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उन पर निर्माण सामग्री का भुगतान मांगने पर मारपीट, गाली गलौज व धमकी देने का आरोप है। दोनों आरोपित केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल की जेठानी व जेठ है।

वादी नीरज द्विवेदी के अधिवक्ता सुरेश तिवारी ने बताया कि रामनगर ब्लाक के सामने नीरज की ईटा, बालू गिट्टी व सरिया आदि निर्माण सामग्री की दुकान है। वह ग्राम पंचायतों में सामग्री की आपूर्ति करते हैं।

वर्ष 2021-22 में लौरी ग्राम पंचायत में शौचालय निर्माण का कार्य हुआ था जिसके लिए नीरज ने निर्माण सामग्री का आपूर्ति की थी। साथ ही सामुदायिक शौचालय में बोरिंग और सबमर्सिबल लगाने का भी काम किया था। जिसका भुगतान 15 वें वित्त से होना था लेकिन नहीं हो पाया था।

नीरज के ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी सहित उच्चाधिकारियों से भुगतान के लिए अनुरोध किया था लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था। 17 अगस्त को नीरज ग्राम प्रधान पुष्पलता सिंह पटेल और उनके पति अरुण सिंह पटेल उर्फ मुन्ना सिंह से मिला।

भुगतान मांगने पर मुन्ना सिंह ने गाली गलौज की और धमकी दी। आरोप है कि तमाचा मारते हुए कहा कि दोबारा पैसों की बात की तो गोली मार दूंगा। मेरा भाई कैबिनेट मंत्री और बहू केंद्रीय राज्यमंत्री है।

 

नीरज ने घटना की तहरीर थाने में दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उसने 156 (3) के तहत कोर्ट की शरण ली। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम अंजलिका प्रियदर्शनी ने थाना रैपुरा प्रभारी को पुष्पलता सिंह पटेल, उनके पति अरुण सिंह पटेल उर्फ मुन्ना सिंह व एक अन्य के खिलाफ सुसंगत धारा में मुकदमा दर्ज करने और आख्या प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

इस संबंध में थानाध्यक्ष शैलेंद्रचंद्र पांडेय ने बताया कि 156 (3) में कोर्ट के आदेश होते हैं यह भी हुआ है अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। आगे देखा जाएगा। वहीं मंत्री के भाई मुन्ना सिंह का कहना है कि जो आरोप है निराधार है।

 

वादी परेशान नहीं दर्ज हो रही रिपोर्ट

वादी नीरज द्विवेदी का कहना है कि एक सप्ताह से ज्यादा समय कोर्ट के आदेश को हो चुका है, लेकिन पुलिस ने एफआईआर नहीं दर्ज की है। वह चुप बैठने वाले नहीं है। इसके लिए फिर से कोर्ट की गुहार लगाएंगे।

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