Saturday, April 27, 2024
नई दिल्ली

इस योजना में बड़ा घोटाला! 1.87 करोड़ रुपये डकार गए 1321 फर्जी किसान, अब आगे क्या होगा वो भी जानिए…….

जहानाबाद। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में जिले में बड़ा घोटाला सामने आया है। गलत कागजात प्रस्तुत कर योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों पर विभाग ने अब शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कृषि विभाग द्वारा लाभुकों के खाते को पैन व आधार कार्ड से लिंक कराने पर इस फर्जीवाड़े का राजफाश हुआ है।

जिले के 1321 किसान फर्जी तरीके से पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ उठा रहे थे। पैन कार्ड व आधार से इन किसानों की चोरी पकड़ी गई। योजना शुरू होने से अबतक इन किसानों के द्वारा केंद्र सरकार को एक करोड़ 87 लाख चार हजार रुपये का चुना लगाया जा चुका है। ये लोग गलत कागजात प्रस्तुत कर पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ उठा रहे थे।

7.30 लाख रुपये की वसूली की गई

मामला उजागर होने पर अबतक सात लाख 30 हजार रुपये की वसूली फर्जी किसानों से की जा चुकी है। आरटीआर दाखिल करने वाले किसान भी इस योजना का लाभ उठा रहे थे। इनके अलावाए पति के साथ पत्नी व बच्चे भी किसान बनकर योजना का लाभ ले रहे थे। नियमानुसारए किसान परिवार में एक घर से एक ही सदस्य को योजना का लाभ दिया जाना है।

15 नवंबर को भेजी गई थी पीएम किसान योजना की 15वीं किस्त
जिले के 41 हजार 40 किसानों के खाते में गत 15 नवंबर को पीएम किसान योजना की 15वीं किस्त की कुल राशि नौ करोड़ 22 लाख 78 हजार रुपये भेजी गई थी। इस योजना की राशि वैसे लाभुकों के खाते में ही भेजी गई है जिनका खाता ई.केवाईसी पूर्ण है। जिन लाभुकों का खाता बंद है या ई.केवाईसी अपूर्ण है वैसे लाभुक 15वीं किस्त की राशि से वंचित हो गए हैं।

जिले में 47 हजार 737 किसान पीएम किसान योजना के तहत पंजीकृत हैं। अभी भी चार हजार किसानों का ई.केवाईसी और दो हजार किसानों का आधार एवं बैंक खाता नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से लिंक नहीं है।

केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना 24 फरवरी वर्ष 2019 में शुरू की थी। योजना के तहत किसानों को साल भर में तीन किस्त में कुल छह हजार की राशि दी जाती है। प्रत्येक किस्त में दो.दो हजार की राशि किसानों के खाते में भेजी जाती है।

फर्जी तरीके से पीएम किसान योजना का लाभ उठाने वाले लाभुकों को चिह्नित कर नोटिस भेजा गया है। फर्जी किसानों से योजना राशि वसूली जा रही है। अबतक सात लाख 30 हजार रुपये की वसूली की जा चुकी है।

संजय कुमार, कृषि पदाधिकारी

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