लखनऊ। 2007 में गोरखपुर के दंगे के मुख्य आरोपी शमीम को कोतवाली पुलिस ने 16 साल बाद गिरफ्तार कर लिया। शमीम ने छोटे से विवाद में एक युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। 16 अगस्त 2007 को कोर्ट से जमानत लेने के बाद वह फरार हो गया था। गोरखपुर में हुए इसी दंगे के बाद तत्कालीन सांसद व वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 11 दिन जेल में गुजारना पड़ा था।
आरोपी शमीम कोर्ट से जमानत पाने के बाद फरार हो गया था और तभी से फरार था। फरार होने के दौरान वह चेन्नई में छिपा था, करीब छह महीने पहले वह गोरखपुर लौट आया। एसपी सिटी ने पुराने एनबीडब्लू की समीक्षा की तो इस दौरान आरोपी के फरार होने की जानकारी हुई और फिर पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
जब गोरखपुर दंगे की घटना का जिक्र कर संसद में रोए थे सीएम योगी जब आदित्यनाथ अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो फूट.फूट कर रोने लगे। कुछ देर तक वे कुछ बोल ही नहीं पाए और जब बोले तो कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से बताया था कि गोरखपुर जाते हुए उन्हें शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और जिस मामले में उन्हें सिर्फ 12 घंटे बंद रखा जा सकता था, उस मामले में 11 दिन जेल में रखा गया।
उस समय पुलिस ने पीएसी लगवाकर कई बार योगी के ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया था। यही नहीं योगी के समर्थकों को बड़ी संख्या में जेल भेजा गया था। योगी समर्थक पुलिस के डर से अपना गांव छोड़कर पलायन कर गए थे। तब योगी ने अपनी पीड़ा लोकसभा में रखी थी। पुलिसिया आतंक और प्रताड़ना का वर्णन करने के दौरान योगी सदन में फूट.फूट कर रो पड़े थे।
जानकारी के लिए बता दें कि 25 जनवरी 2007 को गोरखपुर में मोहर्रम के जुलूस में छेड़खानी की बात पर दो गुटों में विवाद छिड़ गया था। विवाद इतना बढ़ गया था कि युवक पर चाकू से हमला कर दिया था। जिसकी मौत हो गई थी। इसी मामले में आरोपी शमीम को गिरफ्तार किया था। दूसरे गुट के एक शख्स राजकुमार अग्रहरी की हत्या कर दी गई। जिसके बाद गोरखपुर में दंगे शुरू हो गए।